WhatsApp से मिली शिकायत, कुपवाड़ा में बीएनएस के तहत पहली E-FIR दर्ज

punjabkesari.in Sunday, Feb 23, 2025 - 02:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क। देश में हाल ही में लागू भारतीय न्याय संहिता के तहत डिजिटल पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले की पुलिस ने अपनी पहली ई-एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर हंदवाड़ा के विलगाम पुलिस स्टेशन में व्हाट्सएप के जरिए दर्ज की गई शिकायत के बाद दर्ज की गई है।

क्या है मामला?

यह शिकायत इम्तियाज अहमद डार जो राज्य सड़क परिवहन निगम में चालक के रूप में कार्यरत हैं ने दर्ज कराई। इम्तियाज ने बताया कि जब वह तराथपोरा से श्रीनगर जा रहे थे तो रास्ते में विलगाम के पास दो व्यक्तियों ने उन्हें रोक लिया और हमला कर दिया। इन हमलावरों के नाम आशिक हुसैन भट और गौहर अहमद भट थे। इस हमले के बाद इम्तियाज ने व्हाट्सएप के जरिए पुलिस को जानकारी दी और पुलिस ने तुरंत इस मामले में एफआईआर दर्ज की।

 

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डिजिटल पुलिसिंग में यह एक नया कदम

पुलिस स्टेशन विलगाम ने इस शिकायत के बाद तुरंत ई-एफआईआर दर्ज की जिसे एफआईआर नंबर 09/2025 के तहत चिह्नित किया गया। पुलिस ने इसे बीएनएस की धारा 115 (2) और 126 (2) के तहत दर्ज किया। यह कदम डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है क्योंकि अब पुलिस द्वारा इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से शिकायतों को भी दर्ज किया जा सकता है। इस प्रक्रिया से न्याय मिलने की गति तेज होगी और नागरिकों को अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए थाने जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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भारतीय न्याय संहिता में बदलाव

हाल ही में भारतीय न्याय संहिता में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। पिछले साल तीन महत्वपूर्ण क्रिमिनल लॉ लागू किए गए थे: भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)। इसके बाद से अब इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों जैसे ई-मेल, व्हाट्सएप और सीसीटीएनएस पोर्टल के जरिए भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। इससे पुलिस को शिकायतें प्राप्त करने और मामले की जांच करने में मदद मिलेगी और न्याय प्रक्रिया में गति आएगी।

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पुलिस की तफ्तीश जारी

इस घटना के बाद पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है। यह कदम कानून प्रवर्तन प्रणालियों में तकनीकी सुधारों का प्रतीक है और यह क्षेत्र में तेज, प्रभावी और सुलभ न्याय प्रणाली की ओर बढ़ने के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा।

यह घटना डिजिटल पुलिसिंग की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती है और उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में और भी ऐसे मामले सामने आएंगे जहां तकनीक का इस्तेमाल करके शिकायतों का समाधान जल्दी और प्रभावी तरीके से किया जाएगा।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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