Killer Cough Syrup: इस चीज को मिलाया जा रहा था बच्चों के कफ सिरप में... 48.6% तक थी मिलावट
punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 03:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारत के कई राज्यों, खासकर मध्य प्रदेश और राजस्थान, से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। यहां कोल्ड्रिफ नामक कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत हो गई है। 6 अक्टूबर 2025 तक मिली जानकारी के अनुसार, अकेले मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में कम से कम 16 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि राजस्थान में भी 4 अन्य बच्चों की जान गई है। इन मौतों के पीछे कफ सिरप में मिलाया गया एक खतरनाक केमिकल, डायएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol - DEG), मुख्य वजह बताया जा रहा है।
क्या है डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और यह इतना जहरीला क्यों?
जांच में पता चला है कि बच्चों को दी गई कफ सिरप में DEG की मात्रा अत्यधिक, यानी 48.6% तक पाई गई थी।
DEG क्या है?
डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) एक जहरीला औद्योगिक सॉल्वेंट है। इसका उपयोग मुख्य रूप से पेंट इंडस्ट्री, ब्रेक फ्लूइड और एंटीफ्रीज़ (वाहनों के इंजन को जमने से बचाने वाला पदार्थ) जैसे औद्योगिक उत्पादों में होता है।
दवा में क्यों मिलाया गया?
कफ सिरप बनाने में आमतौर पर प्रोपाइलीन ग्लाइकॉल (Propylene Glycol) नामक एक सुरक्षित सॉल्वेंट का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, यह महंगा होता है। बताया जा रहा है कि कुछ दवा निर्माताओं ने पैसे बचाने और सस्ता विकल्प चुनने के लालच में सुरक्षित प्रोपाइलीन ग्लाइकॉल की जगह सस्ते लेकिन जहरीले DEG का इस्तेमाल किया, जो सीधे बच्चों की जान का दुश्मन बन गया।
शरीर पर DEG का बुरा असर: ऐसे बन जाता है 'साइलेंट किलर'
DEG जब शरीर में प्रवेश करता है, तो यह धीरे-धीरे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
- किडनी और लिवर को खतरा: यह केमिकल शरीर में जमा होकर किडनी (गुर्दे) और लिवर (यकृत) के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालता है।
- अंग फेलियर: इसके कारण लिवर और किडनी फेल होने की आशंका बहुत बढ़ जाती है, जो अंततः मौत का कारण बनती है।
बच्चों में दिखने वाले मुख्य लक्षण:
माता-पिता को बच्चों में DEG के कारण निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए:
- बार-बार उल्टी और दस्त (Vomiting and Diarrhea) होना।
- पेशाब कम आना या पूरी तरह से रुक जाना।
- सांस लेने में कठिनाई महसूस होना।
- बच्चे में भ्रम (Confusion) या बेहोशी की स्थिति आना।
- किडनी फेलियर और मृत्यु।
बच्चों को खांसी होने पर माता-पिता बरतें ये सावधानियां
इस गंभीर घटना के बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने माता-पिता को सलाह दी है कि वे बच्चों को खांसी या सर्दी-जुकाम होने पर तुरंत कफ सिरप देने से बचें।
1. घरेलू उपाय अपनाएं: खांसी और सर्दी को ठीक करने के लिए सुरक्षित घरेलू नुस्खे अपनाना सबसे बेहतर है।
2. गर्म तासीर वाली चीजें: बच्चों को अदरक, शहद या अन्य गर्म तासीर वाली चीजें खाने को दें।
3. गरम पेय: उन्हें गरम दूध या अन्य गरम पेय पदार्थ दें।
4. भाप (Steam) दें: बच्चे को ज्यादा से ज्यादा भाप (स्टीम) देने से बंद नाक और खांसी में आराम मिल सकता है।
यह ज़रूरी है कि दवा केवल डॉक्टर की सलाह पर ही ली जाए और बच्चों को बिना ज़रूरत के कफ सिरप देने से बचा जाए।