Coldrif कफ सिरप का कहर: इन राज्यों में SR-13 बैच बैन...10 से अधिक मासूमों की मौत
punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 03:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ कफ सिरप (Coldrif Syrup) पीने से कई बच्चों की मौत की खबरों के बाद, अब महाराष्ट्र सरकार हरकत में आ गई है। राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने कोल्ड्रिफ सिरप के बैच संख्या SR-13 पर तुरंत रोक लगा दी है। एफडीए ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस सिरप में जहरीले तत्व पाए गए हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।
महाराष्ट्र FDA की बड़ी कार्रवाई
महाराष्ट्र एफडीए ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि यह कदम मध्य प्रदेश और राजस्थान में बच्चों की दुखद मौतों के मद्देनजर उठाया गया है।
तत्काल रोक: जनता से अपील की गई है कि वे इस सिरप का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें।
दुकानदारों को निर्देश: सभी लाइसेंसधारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर उनके पास SR-13 बैच का सिरप है, तो उसकी बिक्री, वितरण और उपयोग तुरंत रोक दें और स्थानीय ड्रग कंट्रोलर को इसकी जानकारी दें।
शिकायत नंबर: नागरिक इस दवा की जानकारी सीधे एफडीए को टोल-फ्री नंबर 1800222365 पर दे सकते हैं।
महाराष्ट्र एफडीए इस सिरप को बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा (जो तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थित है) के ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी से भी संपर्क में है।
मध्य प्रदेश में डॉक्टर निलंबित
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में इसी सिरप से 10 से अधिक बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कार्रवाई की है। सरकारी डॉक्टर प्रवीन सोनी को निलंबित कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने निजी क्लीनिक में शिशुओं को बिना उचित जांच के यह दवा लिख दी थी। दवा पीने के बाद बच्चों को तेज बुखार, पेशाब में दिक्कत और फिर किडनी फेल होने जैसी समस्या हुई, जिससे उनकी जान चली गई। विभागीय जांच में माना गया कि अगर समय पर सही इलाज मिलता, तो बच्चों को बचाया जा सकता था।
सिरप में मिला 'जहर', कंपनी का लाइसेंस रद्द
प्रारंभिक जांच में पाया गया कि कोल्ड्रिफ सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा अनुमत सीमा से अधिक थी। यह तत्व बच्चों की किडनी के लिए बेहद खतरनाक होता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की और दवा की गुणवत्ता मानकों पर जोर दिया।
तमिलनाडु स्थित विनिर्माण इकाई (श्रीसन फार्मा) के खिलाफ नियामक कार्रवाई की गई है और उसका लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है। साथ ही, कंपनी पर आपराधिक कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।राजस्थान सरकार ने कहा है कि वहां हुई चार मौतों का सीधा संबंध दवा की गुणवत्ता से नहीं पाया गया है, फिर भी पूरी सतर्कता बरती जा रही है। वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि नागपुर के अस्पतालों में भर्ती बच्चों को बेहतर इलाज दिया जा रहा है और मामले की गहन जांच जारी है।