कब्रिस्तान की सफाई के दौरान मिला खजाना, खुशी से झूम उठे मजदूर
punjabkesari.in Sunday, Dec 08, 2024 - 12:08 PM (IST)
नेशनल डेस्क. उत्तर प्रदेश के करौंदा चौधर में मनरेगा के तहत कब्रिस्तान की सफाई और मेढ़बंदी के दौरान कुछ मजदूरों को पौराणिक सिक्के मिले हैं। यह घटना कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव करौंदा चौधर के मौजा खेडकी में हुई। पुलिस ने सिक्कों को कब्जे में लेकर जिला प्रशासन को सूचित किया है और इन सिक्कों को पुरातत्व विभाग को भेजा जाएगा।
मनरेगा के तहत चल रहा था काम
गांव के रोजगार सेवक मनोज सैनी के दिशा-निर्देश में मनरेगा के तहत कब्रिस्तान की सफाई और मेढ़बंदी की जा रही थी। इस काम में 14 मजदूर शामिल थे, जिनमें असफाक, नौशाद, जशीम, सीनू, भूरे और छात्रपाल जैसे लोग शामिल थे। जब ये मजदूर खुदाई कर रहे थे। तभी एक मजदूर को मिट्टी की हांडी मिली। जब हांडी को खोला गया, तो उसमें से 15 पौराणिक सिक्के निकले।
सिक्कों की पहचान और सूचना
सिक्कों को देखकर ऐसा लग रहा था कि ये चांदी के हो सकते हैं। सिक्कों पर अरबी भाषा में कुछ लिखा हुआ था और एक व्यक्ति ने बताया कि इनमें से एक सिक्के पर 1191 का साल भी लिखा है। सिक्कों की सूचना ग्राम प्रधान पति इकरार अंसारी को दी गई और इसके बाद यह सूचना डायल 112 पर पहुंची। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सिक्कों को अपने कब्जे में लिया।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
पुलिस ने सिक्कों को अपने कब्जे में लेकर जिला प्रशासन को सूचित किया है। प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद सिक्कों को आगे की जांच के लिए भेजा जाएगा।
इतिहास से जुड़ी संभावना
ग्राम प्रधान पति इकरार अंसारी ने बताया कि जिस स्थान पर कब्रिस्तान है। वह पहले खेडकी गांव था, जो आजादी से पहले आबाद था। बाद में गांव के लोग करौंदा चौधर और टाडामाइदास में बस गए और वह जगह अब गैर आबाद है। उनकी संभावना के अनुसार, यह सिक्के पुराने समय में वहां रहने वाले किसी परिवार ने अपनी भूमि में दबा रखे होंगे।
पहले भी हुई ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है, जब ऐसे सिक्के मिले हों। इससे पहले सहारनपुर में भी एक प्लॉट की नींव खोदने के दौरान मजदूरों को सिक्के मिले थे, जिन्हें मुगल काल से जुड़ा माना गया था। इन सिक्कों को भी पुरातत्व विभाग ने संरक्षित किया था।