ब्लैकआउट को लेकर चिंताओं के बीच केंद्र ने कहा, कोयला आपूर्ति में सुधार की संभावना

punjabkesari.in Sunday, Oct 10, 2021 - 06:26 AM (IST)

नेशनल डेस्कः बिजली संयंत्रों के लिए कोयले की आपूर्ति की स्थिति में जल्द ही सुधार होने की संभावना है। सरकार ने आज कहा कि कई राज्यों ने ब्लैकआउट पर चिंता जताई है। बिजली मंत्रालय ने आज एक बयान में कहा कि बिजली संयंत्रों में कोयले के स्टॉक में कमी के चार कारण हैं - अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के कारण बिजली की मांग में अभूतपूर्व वृद्धि, कोयला खदान क्षेत्रों में भारी बारिश, आयातित कोयले की कीमत में वृद्धि और विरासत के मुद्दे जैसे कोयला कंपनियों का भारी बकाया। महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कोयला कंपनियों का भारी बकाया है।

सरकार ने कहा कि कोयला मंत्रालय के नेतृत्व में एक अंतर-मंत्रालयी उप-समूह सप्ताह में दो बार कोयला स्टॉक की स्थिति की निगरानी कर रहा है। मंत्रालय और कोल इंडिया लिमिटेड ने आश्वासन दिया है कि वे अगले तीन दिनों में बिजली क्षेत्र को 1.6 मिलियन टन या एमटी प्रति दिन भेजने के लिए सर्वोत्तम प्रयास कर रहे हैं और उसके बाद प्रति दिन 1.7 मीट्रिक टन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
 

बिजली मंत्रालय ने कहा कि इससे निकट भविष्य में बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार के क्रमिक निर्माण में मदद मिलने की संभावना है और कोयले की आपूर्ति में सुधार होने की संभावना है। बिजली की दैनिक खपत प्रति दिन 4 अरब यूनिट से अधिक हो गई है और कोयले पर निर्भरता बढ़ रही है, केवल कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों द्वारा 65 से 70 प्रतिशत मांग को पूरा किया जा रहा है।

केजरीवाल ने लिखा पीएम को लेटर
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राजधानी दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों के लिए पर्याप्त कोयला और गैस देने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। केजरीवाल ने शनिवार को कहा दिल्ली को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर पैनी नजर रख रहा हूं। हम इससे बचने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, मैंने माननीय प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखकर उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिजली संयंत्रों में अगस्त सितम्बर के महीने से कोयले की होने लगी है लेकिन अब संकट बढ़ गाय है।

प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के अनुसार दिल्ली को बिजली आपूर्ति करने वाले एनटीपीसी दादरी2 संयंत्र में एक दिन का कोयला बचा है। इसी तरह झज्जर, डीवीसी( सीटीपीएस) में एक दिन का कोयला बचा है जबकि मेज़यिा संयंत्र में कोयला ख़त्म हो चुका है। सिंगरौली संयंत्र में चार दिन का कोयला बचा है। उन्होंने कहा कि कोयले के संकट का समाधान नहीं हो सका तो ज़रूरी सेवाओं पर इसका प्रभाव पड़ सकता है।


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Content Writer

Yaspal

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