मणिपुर के CM बीरेन सिंह ने की अमित शाह से मुलाकात, राज्य से जुड़े बड़े फैसले के दिए संकेत

punjabkesari.in Sunday, Feb 04, 2024 - 06:13 AM (IST)

नई दिल्लीः मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार इस राज्य के लोगों के हित में ‘‘कुछ महत्वपूर्ण निर्णय'' लेने की तैयारी में है। सिंह ने यह बात यहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कही। इस दौरान उन्होंने मणिपुर से संबंधित "सर्वाधिक महत्व के मामलों" पर चर्चा की। बाद में उन्होंने यहां नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने ‘‘मणिपुर में शांति को बढ़ावा देने के लिए किए गए रणनीतिक उपायों पर सार्थक चर्चा की।'' 

मणिपुर में छिटपुट जातीय हिंसा जारी रहने के बीच सिंह ने शाह से मुलाकात की। सिंह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘आज, मुझे नयी दिल्ली में माननीय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जी से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। गहन विचार विमर्श में शामिल होकर, हमने अपने राज्य से संबंधित सर्वोपरि महत्व के मामलों पर चर्चा की। आश्वस्त रहें, भारत सरकार मणिपुर के लोगों के हित में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने की तैयारी में है।'' 

मुख्यमंत्री ने हालांकि, यह नहीं बताया कि फैसले क्या हो सकते हैं। बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित करने के बाद तीन मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी। तब से जारी हिंसा में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। कुकी समुदाय के एक वर्ग ने अलग प्रशासन या मणिपुर सरकार से अलग होने की मांग की है, वहीं मेइती समूह इसके खिलाफ हैं और विधायकों को ऐसे किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी दी है तथा उनसे ऐसे प्रयासों को विफल करने के लिए कहा है। 

मणिपुर की आबादी में मेइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासियों में नगा और कुकी शामिल हैं और इनकी संख्या करीब 40 प्रतिशत है और ये मुख्य रूप से पर्वतीय जिलों में रहते हैं। बाकी अन्य समुदाय के हैं। विश्वास बहाली के कई उपाय किए गए हैं, जिसमें न्यायिक जांच समिति का गठन, पीड़ितों को वित्तीय सहायता और अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को भेजना शामिल है। शाह ने संघर्षरत समुदायों को शांत करने के अपने प्रयासों के तहत लगातार चार दिनों तक राज्य का दौरा किया था। हालांकि, रुक-रुककर हिंसा जारी रही। 

सरकार ने 13 नवंबर को नौ मेइती चरमपंथी समूहों और उनके सहयोगी संगठनों पर राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों और सुरक्षा बलों पर घातक हमले करने के लिए लगाए गए प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया। पिछले साल 29 नवंबर को सरकार ने इंफाल घाटी स्थित सबसे पुराने आतंकी संगठन यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत विद्रोही गुट हिंसा छोड़ने पर सहमत हो गया है। यूएनएलएफ बहुसंख्यक मेइती समुदाय के प्रभुत्व वाला समूह है।


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Content Writer

Pardeep

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