CJI पर जूता फेंकने की घटना: जस्टिस भुइयां बोले ''मजाक नहीं, यह SC का अपमान'', CJI गवई ने बताया ''भूला हुआ अध्याय''

punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 04:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई जूता फेंकने की शर्मनाक घटना ने देशभर में हलचल मचा दी थी। इस घटना ने सुप्रीम कोर्ट के गलियारों में तीखी बहस छेड़ दी है। जहां CJI गवई ने इसे 'भूला हुआ अध्याय' बताकर मामले को ज्यादा तवज्जो न देने की बात कही, वहीं उनके सहयोगी जजों और सॉलिसिटर जनरल ने इसे सर्वोच्च न्यायालय का अपमान करार दिया।

CJI गवई का बयान: 'यह एक भूला हुआ अध्याय'
सोमवार को हुई इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए CJI बी.आर. गवई ने अदालती कार्यवाही के दौरान कहा, "मैं और मेरे विद्वान भाई (जस्टिस) सोमवार को जो हुआ उससे बहुत स्तब्ध हैं, लेकिन हमारे लिए यह एक भूला हुआ अध्याय है।" उन्होंने इस घटना को ज्यादा महत्व न देते हुए अपनी सुनवाई जारी रखी और अदालत की कार्यवाही को आगे बढ़ाया। बाद में अपने सहयोगी जज की टिप्पणी पर भी उन्होंने संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए अपने रुख को दोहराया, "हमारे लिए यह एक भूला हुआ अध्याय है।"

जस्टिस भुइयां की नाराजगी: 'CJI पर हमला मजाक नहीं'
CJI के इस रुख से असहमति जताते हुए जस्टिस उज्ज्वल भुइयां ने कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा, "इस पर मेरे अपने विचार हैं। वह CJI हैं, यह मजाक की बात नहीं है। यह घटना सर्वोच्च न्यायालय का अपमान है।" जस्टिस भुइयां ने इस कृत्य को गंभीरता से लेते हुए इसे संस्थान की गरिमा पर हमला बताया।

सॉलिसिटर जनरल ने की CJI की उदारता की तारीफ
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस घटना को 'अक्षम्य' करार देते हुए कहा, "मुख्य न्यायाधीश पर हमला अक्षम्य था।" हालांकि, उन्होंने CJI गवई की उदारता की प्रशंसा की और उनके शांत और संयमित रवैये की सराहना की।


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Content Editor

Shubham Anand

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