चिदंबरम की कुंडली में जेल यात्रा का था योग! ज्योतिषी ने 3 साल पहले कर दी थी भविष्यवाणी

punjabkesari.in Wednesday, Aug 28, 2019 - 10:10 AM (IST)

नई दिल्ली: पूर्व केन्द्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम को सी.बी.आई. ने गिरफ्तार किया हुआ है। केन्द्र में सत्ता में रहते हुए ताकतवर मंत्री रहे चिदंबरम की गिरफ्तारी की चर्चा राजनीतिक क्षेत्रों में खूब चल रही है। अब यह जानना दिलचस्प है कि क्या चिदंबरम की कुंडली में ऐसा कोई लोचा यानी जेल योग है क्या? इस बारे में सुदर्शन चक्र ज्योतिषी संत अशोक बेतरा ने 3 साल पहले मार्च 2016 में ही भविष्यवाणी कर दी थी कि 25 अक्तूबर 2016 से लेकर 23 जनवरी 2020 तक का समय चिदम्बरम के लिए काफी खराब है। शनि की महादशा चल रही है और साढ़ेसती के तीसरे चरण का द्वितीय ढैया के प्रभाव से इस दौरान पद प्रतिष्ठा से लेकर मान-सम्मान व स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा, जो कष्टकारी होगा। जब अशोक बेतरा से पूछा गया कि साफ बताई कि वह जेल जाएंगे या नहीं तो उन्होंने जवाब दिया था कि हां वह जेल जाएंगे।

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इतना ही नहीं उन्होंने स्पष्ट कहा कि न्यायालय का निर्णय चिदंबरम के खिलाफ जाएगा और इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। इसी तरह से काशी के सुप्रसिद्ध ज्योतिषी डा. बालकृष्ण जोशी कहते हैं कि चिदम्बरम की कुंडली में वर्तमान समय में अंतिम चरण की शनि की साढ़ेसती भी चल रही है, जो व्यक्ति को आसमान से नीचे गिराने तक का सामथ्र्य रखती है। इस समय गुरु की महादशा में बुध की अन्तरदशा चल रही है। कुंडली में गुरु से बुध द्वादश भाव में विराजमान होने के कारण जेल यात्रा व सजा भी निश्चित हो सकती है। डा. बालकृष्ण मिश्र ने चिदंबरम की कुंडली देखकर बताया कि उनका जन्म मिथुन लगन में हुआ है।

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लगन में अष्टमेष व भाग्येश शनि, षष्ठेश व लाभेश मंगल तथा लगन में ही राहु भी बैठा है। द्वितीय स्थान पर पंचमेश व द्वादेश शुक्र तथा प्राक्रम भाव पर प्राक्रमेश सूर्य स्वग्रही होकर लग्रेश व सुखेश के साथ बैठा है। सप्तमेश तथा कर्मेश बृहस्पति सुख भाव में बैठा है। द्वितीवेश चंद्र नीच राशि का होकर छठे भाव में बैठा तथा केतु सप्तम भाव में स्थित है, इस प्रकार ग्रहों के योग के कारण चिदम्बरम का प्रारंभिक जीवन में विख्यात होने का योग बना क्योंकि पंचमेश शुक्र शनि के नवांश में बैठकर भारती योग बना रहा है। इस योग के कारण चिदम्बरम उच्च से उच्च पद भी प्राप्त किए थे, लेकिन चंद्रमा से 8वें मंगल, राहु व शनि में बैठा हो, जो कलंक का कारक ग्रह है, इसलिए जो आरोप होगा, उसे सिद्ध भी कर देगा। मिथुन राशि के राहु ने ही इन्हें कानून की जानकारी दी।

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इसी स्थान पर मंगल व शनि तथा राहु के संयोग में सुप्रीम कोर्ट का वकील बनाते हुए इनकी पराकाष्ठा को बढ़ाया, चूंकि शनि जनतंत्र का कारक ग्रह माना जाता है और लगन में ही राहु के साथ बैठा है, इसलिए जनतांत्रिक देश भारत में गृह व वित्त मंत्रालय का पद इन्हें प्राप्त हुआ था। मंगल ने इन्हें नेतृत्व करने की क्षमता दी। इन्होंने जीवन में कई राजनीतिक उथल-पुथल भी देखे हैं। लगन में राहु बैठने से कालसर्प योग भी बन रहा है और कालसर्प योग गुरु से 10वें राहु होने के कारण वृद्धावस्था में अनेक प्रकार के अपयश और आरोपों से जीवन को असंतुलित बना देता है। प्राक्रमेश सूर्य स्वग्रही होकर बुध के साथ बैठने के कारण सारे आरोपों को सहन करने का सामथ्र्य रखेंगे। शुक्र चंद्र में नवम में बैठने के कारण वैभव व व्यक्ति की मान-मर्यादा को भी कलंकित करता है। हालांकि कर्क राशि का शुक्र द्वितीय भाव में होने के कारण अतुल सम्पत्ति का स्वामी भी बनाता है और अपने समय में यह प्रबल राजनेता भी हैं।


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Seema Sharma

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