8वीं की छात्रा से इंस्टाग्राम पर की दोस्ती...फिर मांगे उसके न्यूड फोटो और वीडियो और बाद में सोशल मीडिया पर...
punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 08:35 AM (IST)

रायपुर : सोशल मीडिया जहां एक ओर जुड़ाव और अभिव्यक्ति का माध्यम है, वहीं अब यह ब्लैकमेलिंग, ठगी और साइबर क्राइम का अड्डा बनता जा रहा है। ताजा मामला छत्तीसगढ़ की राजधानी से सामने आया है, जहां एक नाबालिग लड़के ने छात्रा को पहले प्रेमजाल में फंसाया, फिर उसकी अश्लील फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग शुरू की। इस अपराध में उसके साथ दो वयस्क साथी—एक महिला और एक युवक—भी शामिल थे। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
इंस्टाग्राम पर बना संबंध, फिर शुरू हुई ब्लैकमेलिंग
छात्रा इंस्टाग्राम के जरिए एक नाबालिग लड़के के संपर्क में आई थी। वह पढ़ाई के बहाने अपनी मां से रोज मोबाइल मांगती और इंस्टाग्राम पर उससे बात करती थी। धीरे-धीरे उसने आरोपी के साथ निजी फोटो और वीडियो साझा कर दिए। इसके बाद लड़के का चेहरा बदल गया—उसने छात्रा को धमकाना शुरू कर दिया और पैसे की मांग करने लगा। मना करने पर उसकी न्यूड फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई।
साथियों के साथ रची साजिश
यह नाबालिग अकेला नहीं था। उसने 20 वर्षीय सिमरन अजनारे (होटल में कार्यरत) और 27 वर्षीय दीपक बैरागी (पुताई मजदूर) को इस ब्लैकमेलिंग के खेल में शामिल किया। तीनों मिलकर पीड़िता को लगातार फोन कर पैसे मांगते थे। धमकी दी जाती थी कि इंस्टाग्राम पर उसकी फोटो और वीडियो स्टोरी बनाकर अपलोड कर देंगे।
मां के मोबाइल से चलती थी बातचीत
पीड़िता मोबाइल खुद का नहीं होने के कारण अपनी मां से पढ़ाई के नाम पर मोबाइल मांगती थी। उसने यह बात घर में किसी को नहीं बताई थी, लेकिन लगातार तनाव में रहने और डरी-सहमी हालत में रहने पर परिजनों को शक हुआ। पूछताछ के बाद उसने पूरा मामला बताया, तब तक उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की जा चुकी थीं।
तकनीकी जांच से मिले सुराग, तीनों आरोपी गिरफ्तार
मामले की गंभीरता को देखते हुए गोलबाजार थाना प्रभारी अर्चना धुरंधर ने तुरंत साइबर सेल की मदद ली। तकनीकी जांच में आरोपी का लोकेशन ट्रेस हुआ। इसके बाद पुलिस ने मध्यप्रदेश के मनावर थाना क्षेत्र से नाबालिग को पकड़ा, जबकि रायपुर की मंगला कॉलोनी से दीपक और कस्थली से सिमरन को गिरफ्तार किया गया। नाबालिग को किशोर न्यायालय में पेश किया गया, जबकि अन्य दो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
महिलाएं भी बन रहीं साइबर अपराध की मददगार
साइबर पुलिस का कहना है कि इस तरह के गिरोहों में महिलाओं को खास तौर पर शामिल किया जाता है ताकि अन्य महिलाओं को आसानी से जाल में फंसाया जा सके। कई बार फर्जी वीडियो बनाकर भी ब्लैकमेलिंग की जाती है और मोटी रकम ऐंठी जाती है।