नया घर खरीदने से पहले इन डॉक्यूमेंट्स की करें पूरी तरह जांच, वरना बाद में हो सकती है बड़ी मुश्किल

punjabkesari.in Tuesday, Oct 28, 2025 - 12:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क : घर खरीदना हर इंसान का सपना होता है। जब कोई व्यक्ति अपने मेहनत के पैसों से नया घर या फ्लैट खरीदता है, तो वह पल बेहद खास होता है। लेकिन अगर यही सपना कुछ महीनों में कानूनी सिरदर्द बन जाए, तो क्या होगा? दरअसल, कई बार लोग अपने सपनों का घर तो खरीद लेते हैं, लेकिन जरूरी डॉक्यूमेंट्स (Documents) की जांच या पूर्ति किए बिना। यही लापरवाही बाद में बड़ी कानूनी मुसीबत खड़ी कर देती है।

घर खरीदने से पहले सही डॉक्यूमेंटेशन क्यों है जरूरी?

कई बार लोग सोचते हैं कि बिल्डर या ब्रोकर के दिए हुए कुछ पेपर ही काफी हैं, लेकिन रियल एस्टेट ट्रांजैक्शन (Real Estate Transaction) में कागज़ी प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। अगर आपने डॉक्यूमेंट्स पूरी तरह से जांचे बिना घर खरीदा, तो भविष्य में आपको —

  • लीगल नोटिस मिल सकता है,
  • प्रॉपर्टी विवादों में फंस सकते हैं,
  • या फिर नगर निगम (Municipal Corporation) द्वारा आपका घर सील या गिराया जा सकता है।

इसलिए घर खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है कि सारे दस्तावेज़ असली, वैध और अद्यतन हों।

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जॉइंट ओनरशिप में भी हो सकती है दिक्कत

मान लीजिए आपने किसी दोस्त के साथ मिलकर एक फ्लैट खरीदा, लेकिन पूरी रकम सिर्फ आपने दी। प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री दोनों के नाम पर है। अब अगर आप वह फ्लैट बेचते हैं और सारा पैसा अपने खाते में रख लेते हैं, तो आपको लगता है कि टैक्स सिर्फ आपको देना है। लेकिन इनकम टैक्स विभाग के रिकॉर्ड में दोनों को मालिक माना जाएगा। ऐसे में अगर आपका दोस्त टैक्स नहीं भरता, तो उसके नाम पर भी टैक्स नोटिस जा सकता है। कई बार तो एक को-ओनर टैक्स भर देता है, फिर भी दूसरे मालिक के नाम पर नोटिस आ जाता है। इसी तरह अगर प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली या पानी का बिल बाकी है, तो उसका भुगतान भी दोनों मालिकों से वसूला जा सकता है।

घर खरीदते समय ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स की पूरी लिस्ट

घर या फ्लैट खरीदने से पहले नीचे दिए गए सभी दस्तावेज़ों को जांचना और सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है —

1. मूल टाइटल डीड (Original Title Deed): इससे साबित होता है कि विक्रेता असली मालिक है।

2. पिछली डीड्स (Previous Deeds): प्रॉपर्टी का इतिहास जानने के लिए।

3. बिल्डिंग प्लान अप्रूवल (Building Plan Approval): यह सुनिश्चित करता है कि निर्माण नगर निगम से मंजूर है।

4. ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट (Occupation Certificate): बिल्डिंग रहने योग्य है या नहीं, यह बताता है।

5. प्रॉपर्टी टैक्स और यूटिलिटी बिल्स की रसीदें: यह साबित करता है कि कोई बकाया नहीं है।

6. एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate): यह बताता है कि प्रॉपर्टी पर कोई पुराना लोन या गिरवी नहीं है।

7. सोसाइटी NOC: हाउसिंग सोसाइटी की मंजूरी अनिवार्य है।

8. नॉन-एग्रीकल्चरल ऑर्डर (NA Order): यह प्रमाणित करता है कि जमीन गैर-कृषि उपयोग के लिए वैध है।

डॉक्यूमेंट्स नजरअंदाज करने के नुकसान

अगर आपने प्रॉपर्टी खरीदते समय जरूरी कागजातों की जांच नहीं की, तो परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं —

  • आपकी प्रॉपर्टी कानूनी विवाद में फंस सकती है।
  • अवैध निर्माण साबित होने पर नगर निगम सील या ध्वस्तीकरण कर सकता है।
  • अगर घर किसी पुराने लोन पर गिरवी है, तो बैंक कब्जा कर सकता है।
  • पानी या बिजली के कनेक्शन काटे जा सकते हैं।
  • और सबसे बड़ा खतरा - आपकी प्रॉपर्टी की वैधता खत्म हो सकती है।

 


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Content Editor

Mehak

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