दिल्ली HC का आदेश, शीशा अंदर को मोड़कर रखने वाले ऑटोवालों का चालान कटे

punjabkesari.in Wednesday, Dec 05, 2018 - 03:50 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रैफिक पुलिस को उन ऑटोरिक्शावालों पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं जो जो न ही रफ्तार का ध्यान रखते और साथ ही रियर व्यू मिरर(जिस मिरर से पीछे का ट्रैफिक नजर आता है) को अंदर की ओर मोड़कर रखते हैं। कोर्ट ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस से कहा कि ऐसे ऑटोवॉलों का चालान काटा जाए। कोर्ट ने दिल्ली परिवहन विभाग को भी यह सुनिश्चित करने को कहा कि गाड़ियों के रियर व्यू मिरर गाड़ी के बाहर ही लगे हों।कोर्ट ने कहा कि ज्यादातर पाया गया है कि हादसे के कई मामलों में ड्राइवर अपनी गाड़ियों के रियर-व्यू मिमर को अंदर की तरफ मोड़कर रखते हैं और उन्हें पीछे से आने वाले लोगों के बारे में जानकारी नहीं होती।

दरअसल जस्टिस नाजमी वाजिरी ने यह निर्देश एक एक एफआईआर पर दिए। कुछ दिन पूर्व एक ऑटोरिक्शा ने एक पांच साल के बच्चे को कुचल दिया था, लेकिन इसे भगवान का चमत्कार ही कहा जाएगा कि बच्चा सुरक्षित बच गया। दोनों पक्षों ने कोर्ट के बाहर ही आपसी सहमति से मामला सुलझा लिया था। ऑटोरिक्शा चालक ने पीड़ित परिवार को रजामंदी से 30 हजार रुए दिए। हालांकि कोर्ट ने एफआईआर को रद्द कर दिया लेकिन ट्रेफिक पुलिस को निर्देश जारी किए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।

जस्टिस नाजमी ने कहा कि ऑटोवालों को लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। गाड़ी चालकों को यह नहीं सोचना चाहिए कि रियर-व्यू मिरर बाहर होगा तो उसे नुकसान पहुंचेगा। कोर्ट ट्रांसपॉर्ट कमिश्नर को ऐसे ऑटोचालकों के खिलाफ अपनी तरफ से कुछ जरूरी कदम उठाने को कहा है, जैसे- ऐसी गाड़ियों को फिटनेस सर्टिफिकेट इशू न करना और इस बात का ध्यान रखना कि रियर व्यू मिरर गाड़ी के बाहरी हिस्से के साथ वेल्डेड हों।


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Seema Sharma

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