सभापति जगदीप धनखड़ ने बुलाई ऑल पार्टी मीटिंग, पहली बैठक में नहीं पहुंचे विपक्षी दल

punjabkesari.in Tuesday, Mar 21, 2023 - 09:01 PM (IST)

नई दिल्लीः राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सभापति जगदीप धनखड़ की ओर से मंगलवार को विभिन्न दलों की दो बैठकें बुलाई गई और इनमें से पहली बैठक में कई विपक्षी दलों के नेता नहीं आए। उपराष्ट्रपति सचिवालय के बयान के अनुसार, सुबह 11.30 बजे हुई बैठक में भारतीय जनता पार्टी, वाईएसआरसीपी, बीजू जनता दल (बीजद) और तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता मौजूद थे। इसमें कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक और द्रमुक पार्टी के सदन के नेताओं ने बैठक से पहले सभापति से अलग से मुलाकात की और सभापति द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेने में असमर्थता व्यक्त की थी। बयान के अनुसार, सभापति ने दोनों नेताओं से कहा कि इससे लोकतंत्र को मजबूत करने में मदद नहीं मिलेगी।

पहली बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, आम आदमी पार्टी, राजद, माकपा, जनता दल(यू), अन्नाद्रमुक, राकांपा, समाजवादी पार्टी, टीआरएस, भाकपा सहित कुछ अन्य दल अनुपस्थित रहे। धनखड़ ने विपक्षी सदस्यों के इस रवैये को ‘‘अस्वास्थ्यकर और अनुचित'' बताया और उन्हें फिर से अपराह्न ढाई बजे अपने कक्ष में आमंत्रित किया।

उपराष्ट्रपति कार्यालय की ओर से किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में यह जानकारी दी गई। उपराष्ट्रपति सचिवालय के बयान के अनुसार, दोपहर 2:30 बजे आयोजित दूसरी बैठक में राज्यसभा के उपसभापति डॉ. हरिवंश, राकांपा के शरद पवार, टीआरएस के डॉ. केशव राव, द्रमुक के तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस के डॉ. शांतनु सेन, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, बीजद के सस्मित पात्रा शामिल हुए। बैठक में तमिल मनीला कांग्रेस के जी के वासन, एजीपी के बीरेंद्र प्रसाद बैश्य ने भी हिस्सा लिया।

राज्यसभा के सभापति द्वारा बुलाई गई बैठक में केंद्रीय मंत्री और उच्च सदन के नेता पीयूष गोयल, संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, विदेश और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और भाजपा (राज्यसभा) के मुख्य सचेतक लक्ष्मीकांत बाजपेयी भी शामिल हुए।

ज्ञात हो कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी द्वारा भारत के लोकतंत्र के बारे में लंदन में दिए गए बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा उनसे माफी की मांग और कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों की ओर से अडाणी समूह से जुड़े मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने को लेकर राज्यसभा में हंगामा चल रहा है। हंगामे की वजह से मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। सभापति धनखड़ ने सभी दलों के सदन के नेताओं को अपने कक्ष में पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे चर्चा के लिए बुलाया था।

उपराष्ट्रपति ने ट्वीट में कहा था कि कांग्रेस संसदीय दल के मुख्य सचेतक और द्रमुक संसदीय दल के सदन के नेता ने बैठक से पहले सभापति से मुलाकात की और संकेत दिया कि विपक्षी दल सभापति द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होंगे। इस पर सभापति ने इन दोनों नेताओं को संकेत दिया कि यह ‘‘अस्वास्थ्यकर और अनुचित'' होगा और उनकी भावनाओं से विपक्षी नेताओं को अवगत कराया जाना चाहिए। सभापति ने कहा कि इसके बावजूद भाजपा, वाईएसआरसीपी और तेदेपा को छोड़कर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, आप, बीजद, राजद, माकपा, जदयू, अन्नाद्रमुक, राकांपा, सपा, शिवसेना, भाकपा, टीआरएस, अगप और अन्य दलों के नेता अनुपस्थित थे।

सभापति ने कहा, ‘‘राज्यसभा और उच्च सदन में पिछले कुछ दिनों से गतिरोध दुर्भाग्यपूर्ण रहा है और इसे दूर करने के लिए बैठक बुलाई गई थी।'' उपराष्ट्रपति कार्यालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘माननीय सभापति को आज सुबह 11:30 बजे बैठक से अनुपस्थित रहने वाले दलों के सदन के नेताओं से अनुरोध करना उचित लगता है कि वे अपने निर्णय पर फिर से विचार करें और आज दोपहर 2:30 बजे उनके चैंबर में निर्धारित बैठक में भाग लें।'' संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत से विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण पिछले सात दिनों से संसद में कामकाज बाधित है। बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च से शुरू हुआ है और यह छह अप्रैल तक चलना प्रस्तावित है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News