ईरान की चाबहार बंदरगाह शुरू, भारत के लिए हैं खास मायने

Sunday, Dec 03, 2017 - 05:47 PM (IST)

तेहरानः ईरान के राष्ट्रपति ने रविवार को चाबहार बंदरगाह के पहले चरण का उद्घाटन किया। इस दौरान भारतीय प्रतिनिधि भी वहां मौजूद रहे। इस बंदरगाह के जरिए भारत-ईरान-अफगानिस्तान के बीच नए रणनीतिक ट्रांजिट रूट की शुरुआत हो रही है।  इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को रूस से लौटते वक्त तेहरान पहुंचकर इस परियोजना की समीक्षा की।

स्वराज ने आपसी हितों के मुद्दे पर अपने ईरानी समकक्ष डॉ. जावेद जरीफ से वार्ता दौरान परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर विस्तरित चर्चा की। इस परियोजना में भारत एक महत्वपूर्ण भागीदार है। गौरतलब है कि चाबहार भारत के लिए सामरिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण परियोजना है। एक महीने पहले भारत ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के जरिए समुद्र से अफगानिस्तन को गेहूं की पहली खेप भेजी थी। इसे पाकिस्तान को दरकिनार कर तीनों देशों के बीच महत्वपूर्ण रणनीतिक मार्ग के संचालन का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा खाड़ी क्षेत्र में क्षेत्रीय स्थिति और राजनीतिक घटनाक्रमों पर भी चर्चा की। वहीं, विदेशमंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, यह तकनीकी ठहराव था और स्वराज का अपने ईरानी समकक्ष से बातचीत पूर्व निर्धारित नहीं थी।  बता दें कि भारत ने चाबहार में करीब 10 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। इसके साथ ही 50 करोड़ डॉलर की और मदद का आश्वासन दिया है।

इस परियोजना के भारत के लिए खास मायने हैं।इसके पूरा होने से भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच सीधा संपर्क हो जाएगा। साथ ही भारत मध्य एशिया और पूर्वी यूरोप तक सामान भेज सकता है। अब तक भारतीय माल पाकिस्तान के जरिए अफगानिस्तान तक पहुंचता है। चाबहार के खुलने से भारतीय माल न पाकिस्तान के रास्ते की बजाए सीधे मध्य एशिया और यूरोप भेजा जा सकेगा। ऐसे में यह पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा रणनीतिक नुकसान होगा। 

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