Cost of Ventilators: मरीज एडमिट होने से पहले जान सकेंगे ICU-Ventilator का पूरा खर्च, सरकार की प्राइवेट अस्पतालों के लिए नई गाइडलाइन जारी

punjabkesari.in Monday, Dec 22, 2025 - 11:54 AM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर के खर्च को लेकर कड़ी सख्ती बरतते हुए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। अब अस्पतालों को मरीज को वेंटिलेटर पर रखने से पहले परिवार को पूरी जानकारी देनी होगी कि इस प्रक्रिया में कुल खर्च कितना आएगा, ताकि कोई अप्रत्याशित बिल या आर्थिक झटका न लगे। नए नियमों के मुताबिक, किसी भी मरीज को वेंटिलेटर पर रखने से पहले अस्पताल को परिवार को पूरी जानकारी देना अनिवार्य होगी। इसमें खर्च का अनुमान, इलाज की प्रक्रिया, संभावित जोखिम और परिणाम शामिल होंगे। केवल परिवार की सहमति मिलने के बाद ही वेंटिलेटर सपोर्ट शुरू किया जा सकेगा।

नई गाइडलाइन  
सरकार का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जान बचाने वाला इलाज किसी वित्तीय शोषण का माध्यम न बने। नई गाइडलाइन बायोएथिकल सिद्धांतों पर आधारित हैं। इसमें मरीज की स्वतंत्रता और निर्णय लेने का अधिकार (ऑटोनॉमी), उनके हित में निर्णय लेना (बेनेफिसेंस), नुकसान से बचाव (नॉन-मैलेफिसेंस) और समान अवसर सुनिश्चित करना (न्याय) शामिल है।

डॉक्टरों और अस्पतालों के लिए क्या बदलाव हैं?
अब डॉक्टरों को वेंटिलेटर लगाने से पहले स्पष्ट रूप से बताना होगा कि मरीज को वेंटिलेटर क्यों लगाया जा रहा है, इसका खर्च कितना होगा और संभावित परिणाम और जोखिम क्या हैं। इसके बाद ही परिवार की सहमति से ही प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। साथ ही, अस्पताल को यह भी बताना होगा कि ICU में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रोजाना का खर्च कितना आएगा। इससे परिवार मानसिक और आर्थिक रूप से तैयार रह सकेगा।

पारदर्शिता बढ़ाने का कदम
कुछ प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर का इस्तेमाल करते हुए मरीजों से अतिरिक्त शुल्क वसूलना आम समस्या रही है। अब सरकार ने स्टैंडर्ड और पारदर्शी प्राइसिंग स्ट्रक्चर लागू किया है। इसका मतलब है कि सभी प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर चार्ज समान होंगे और कोई छुपा हुआ खर्च नहीं लिया जाएगा। 


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Content Editor

Anu Malhotra

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