केंद्र के पास होगी जम्मू-कश्मीर पुलिस और कानून व्यवस्था की कमान

punjabkesari.in Monday, Aug 12, 2019 - 05:58 AM (IST)

नई दिल्लीः केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कानून एवं व्यवस्था और पुलिस का नियंत्रण उपराज्यपाल के माध्यम से सीधे केंद्र के हाथों में रहेगा जबकि भूमि वहां की निर्वाचित सरकार के अधीन एक विषय होगा। अधिकारियों ने रविवार को यह बात कही। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर को बांटने संबंधी विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी थी जिससे दो केंद्र शासित प्रदेश...जम्मू कश्मीर और लद्दाख..31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे।
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107 होगी विधानसभा सीटों की संख्या
भूमि को लेकर अधिकार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की निर्वाचित सरकार के पास रहेंगे। ऐसा दिल्ली के उलट होगा जहां भूमि पर नियंत्रण उपराज्यपाल दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के जरिये रखते हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में एक उपराज्यपाल होंगे और उसकी विधानसभा में सीटों की संख्या 107 होगी जिसे परिसीमन कवायद से 114 तक बढ़ाया जा सकता है। विधानसभा की 24 सीटें खाली रहेंगी क्योंकि ये सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पड़ती हैं।
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जानिए क्या-क्या अधिकार मिलेंगे राज्य को
दिल्ली और पुडुचेरी में पुलिस और कानून एवं व्यवस्था को उपराज्यपाल के माध्यम से सीधे केंद्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है। दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी विधानसभा हैं। भूमि पर नियंत्रण से संबंधित मामले जिसमें भूमि अधिकार, कृषि भूमि का हस्तांतरण, भूमि सुधार और कृषि ऋण केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की निर्वाचित सरकार के अंतर्गत होंगे।

आकलन और राजस्व संग्रहण सहित भूमि राजस्व, भूमि रिकार्ड रखरखाव, राजस्व उद्देश्य के लिए सर्वेक्षण और राजस्व का हस्तांतरण भी केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की निर्वाचित सरकार के अधिकार क्षेत्र में आएगा। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पुलिस, कानून एवं व्यवस्था और भूमि के मामले उपराज्यपाल के सीधे नियंत्रण में होंगे, जहां का प्रशासन केंद्र उपराज्यपाल के जरिये संभालेगा। कानून के तहत लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी। नवगठित दोनों केंद्र शासित प्रदेश नियत दिन 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आएंगे। उसी दिन से जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए साझा उच्च न्यायालय होगा।
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केंद्र के हाथ में होगी कानून व्यवस्था
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) जैसी अखिल भारतीय सेवाएं उपराज्यपाल के नियंत्रण में होंगी न कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की निर्वाचित सरकार के नियंत्रण में। ये सेवाएं और एसीबी दो प्रमुख मुद्दे हैं जिसको लेकर अरविंद केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच बार बार टकराव होता रहा है।

 


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Yaspal

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