सरकारी स्कूलों में आना, खाना, जाना की परंपरा खत्म करने के लिए काम कर रहा है केंद्र

punjabkesari.in Monday, Aug 21, 2017 - 07:41 PM (IST)

कोच्चि: मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र राज्यों में सरकारी स्कूलों में शिक्षण के नतीजे सुधारने पर काम कर रहा है जो अब मध्याह्न भोजन स्कूल बन गए हैं क्योंकि वहां आना, खाना, जाना की परंपरा बनी हुई है। उन्होंने कोच्चि के पास अलुवा में केंद्रीय विद्यालय संगठन में स्वस्थ बच्चे, स्वस्थ भारत शारीरिक स्वास्थ्य एवं तंदुरूस्ती प्रोफाइल कार्ड शुरू करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का मुख्य लक्ष्य सबको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराना है।

जावड़ेकर ने स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता गिरने पर जताया दुख
जावड़ेकर ने कई राज्यों में कई तरह से स्थानीय स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता गिरने पर दुख जताते हुए कहा कि इसलिए हम अब गुणवत्ता सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। हम सरकारी स्कूलों में सभी स्तरों पर शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है। आम आदमी के साथ तभी न्याय होगा। मानव संसाधन विकास मंत्री ने हालांकि कहा कि केंद्रीय विद्यालयों तथा नवोदय विद्यालयों की शिक्षा देश में सर्वश्रेष्ठ है।

शिक्षकों को मिलेगी शिक्षण नतीजे की पुस्तिका
उन्होंने देश भर के सरकारी स्कूलों में एक स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण के लिए मंत्रालय द्वारा किए गए उपायों की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने इस साल देश के सभी स्कूलों में बच्चोँ की पढ़ाई के नतीजे हासिल करने के लिए कदम उठाए हैं। सितंबर में सभी शिक्षकों को शिक्षण नतीजे की पुस्तिका मिलेगी जिससे उन्हें बच्चोँ की योग्यता सुधारने में मदद मिलेगी।

जावड़ेकर ने कहा कि बच्चे स्कूल से क्या हासिल कर रहे हैं, यह मूल्यांकन का बिंदु होना चाहिए और शिक्षण के नतीजे से शिक्षक एवं अभिभावक छात्रों की न्यूनतम योग्यता, उसकी उपलब्धियों को समझ पाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों सहित हर किसी को शिक्षण नतीजे के जरिए जवाबदेह बनाना चाहती है।

मंत्री ने कहा कि बदकिस्मती से कई राज्यों में सरकारी स्कूल मध्याह्न भोजन वाले स्कूल बन गए हैं आना, खाना, जाना। एेसा ही हुआ करता था लेकिन अब चीजें सुधरी हैं और अब हम इस शिक्षण नतीजे के जरिए चीजों को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि सरकार ने शिक्षकों को उनके क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनाने के उद्देश्य से उनके लिए प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया है। 


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