इन 8 बोल्ड फिल्मों को सेंसर बोर्ड ने किया बैन, लेकिन OTT पर मचाया तहलका...
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 03:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय सिनेमा हमेशा से सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विषयों को पर्दे पर उतारने की कोशिश करता रहा है। हालांकि कभी-कभी कुछ फिल्में इतनी बोल्ड, विवादास्पद या संवेदनशील होती हैं कि वो सेंसर बोर्ड की गाइडलाइंस से बाहर चली जाती हैं। ऐसे में या तो उन्हें रिलीज़ से रोक दिया जाता है या फिर भारी कट्स के बाद ही जनता के सामने आने दिया जाता है।
आइए जानते हैं उन 8 चर्चित हिंदी फिल्मों के बारे में, जिन्हें भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन समय के साथ OTT पर इनकी वापसी ने नया विमर्श छेड़ दिया।
1. Bandit Queen (1994)
निर्देशक: शेखर कपूर
कहानी: यह फिल्म कुख्यात बागी और बाद में नेता बनी फूलन देवी की जीवनी पर आधारित है। फिल्म में यौन शोषण, नग्नता और अमानवीयता को बड़े रॉ तरीके से दिखाया गया, जिससे सेंसर बोर्ड और खुद फूलन देवी दोनों नाराज़ हो गई थीं। हालांकि बाद में फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली।
2. Fire (1996)
निर्देशक: दीपा मेहता
कहानी: समलैंगिक रिश्तों पर बनी यह भारत की पहली चर्चित फिल्म थी, जिसमें दो विवाहित महिलाओं की आत्मिक और शारीरिक निकटता को दिखाया गया। फिल्म पर देशभर में भारी विरोध हुआ, सिनेमाघरों में तोड़फोड़ हुई, और अंततः इसे बैन कर दिया गया। लेकिन इसने LGBTQIA+ समुदाय पर बातचीत की शुरुआत कर दी।
3. Kama Sutra: A Tale of Love (1996)
निर्देशक: मीरा नायर
कहानी: 16वीं सदी के भारत में चार प्रेमियों की कहानी, जो शारीरिक आकर्षण और कामुकता के जटिल ताने-बाने को दिखाती है। फिल्म में कई अंतरंग दृश्य थे जो भारतीय सेंसर बोर्ड को अस्वीकार्य लगे। भारत में यह फिल्म कभी थिएटर में नहीं आई, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसकी खूब तारीफ हुई।
4. Urf Professor (2000)
निर्देशक: पंकज आडवाणी
कहानी: एक हिटमैन की कहानी जो ब्लैक कॉमेडी और सेक्सुअल कॉन्टेंट से भरी हुई थी। फिल्म में भाषा और दृश्य इतने बोल्ड थे कि सेंसर बोर्ड ने इसे पास करने से इनकार कर दिया। आज ये फिल्म कल्ट स्टेटस पा चुकी है।
5. The Pink Mirror (2003)
निर्देशक: श्रीधर रंगायन
कहानी: ट्रांसजेंडर महिलाओं की जिंदगी और उनकी पहचान की लड़ाई पर बनी यह फिल्म LGBTQIA+ समुदाय के लिए मील का पत्थर थी। हालांकि CBFC ने इसे 'अश्लील' कहकर खारिज कर दिया। इसके बाद यह फिल्म दुनिया के कई LGBTQ फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई गई।
6. Paanch (2003)
निर्देशक: अनुराग कश्यप
कहानी: पुणे में हुए एक असली मर्डर केस से प्रेरित इस फिल्म में ड्रग्स, गाली-गलौज और हिंसा की भरमार थी। अनुराग की ये पहली फिल्म कभी सिनेमाघरों तक नहीं पहुंच पाई। हालांकि इसके टोरेंट्स और खास स्क्रीनिंग के जरिए दर्शकों तक ये पहुंची और आज इसे कश्यप की 'क्लासिक शुरुआत' माना जाता है।
7. Sins (2005)
निर्देशक: विनोद पांडे
कहानी: एक कैथोलिक पादरी की कहानी, जो अपनी धार्मिक मर्यादाओं को तोड़कर एक महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाता है। बोल्ड दृश्य और धार्मिक संवेदनाएं आहत होने के कारण फिल्म पर तीखा विरोध हुआ और यह बैन हो गई।
8. Unfreedom (2014)
निर्देशक: राज अमित कुमार
कहानी: फिल्म दो समानांतर कहानियों पर आधारित थी — एक समलैंगिक रिश्ता और दूसरी धार्मिक चरमपंथ की कहानी। नग्नता और राजनीतिक संवेदनशीलता के कारण भारत में इसे रोका गया। हालांकि यह अमेरिका और अन्य देशों में रिलीज़ हुई और काफी चर्चित रही।