Canada में फिर भारत विरोधी एक्शनः वैंकूवर में खालिस्तान समर्थकों ने निकाली विवादित झांकी, बेअंत सिंह के हत्यारे को बताया "हीरो"(VIDEO)
punjabkesari.in Sunday, Sep 01, 2024 - 06:19 PM (IST)
Toronto: कनाडा में खालिस्तान (Khalistan) समर्थक कट्टरपंथियों द्वारा आयोजित एक हालिया झांकी ने एक बार फिर भारत-कनाडा संबंधों में तनाव बढ़ा दिया है। यह झांकी वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के पास शनिवार, 31 अगस्त 2024 को निकाली गई, जिसमें 1995 में पंजाब(Punjab) के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह (Beant Singh) की हत्या के लिए जिम्मेदार आत्मघाती हमलावर दिलावर सिंह बब्बर(Dialwar Singh Babbar) को सम्मानित किया गया। इस झांकी में बेअंत सिंह की तस्वीरें और उस बम विस्फोट वाली कार को भी दिखाया गया, जिसमें वे मारे गए थे। तस्वीरों पर उग्र संदेश लिखे गए थे, जैसे 'बेअंत को मौत के घाट उतार दिया'। यह झांकी उस आत्मघाती हमले की भयावहता को दर्शाने के बजाय दिलावर सिंह को 'शहीद' और 'हीरो' के रूप में महिमामंडित करने पर केंद्रित थी।
झांकी के आयोजन का समय भी बेहद संवेदनशील था, क्योंकि यह बेअंत सिंह की 29वीं पुण्यतिथि के अवसर पर निकाली गई थी। दिलावर सिंह बब्बर, जोकि बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा था, ने 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ सचिवालय के बाहर एक आत्मघाती बम विस्फोट कर बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। यह हमला पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ बेअंत सिंह की कड़ी कार्रवाई का बदला था। इस हत्या को उस समय के खालिस्तान समर्थकों ने 'स्वतंत्रता संग्राम' के रूप में चित्रित किया था। कनाडा में इस तरह की गतिविधियां केवल वैंकूवर तक सीमित नहीं रहीं। इसी तरह की एक और रैली टोरंटो में भी निकाली गई, जिसका नेतृत्व इंद्रजीत सिंह गोसल ने किया।
Khalistani Separatist Canada Convoy 'Honours' Suicide Bomber
A portrait Dilawar Babbar, who murdered Punjab CM Beant Singh & 12 others in 1995, was displayed as the group took to the street in Toronto.
A similar convoy took place in Vancouver.
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— RT_India (@RT_India_news) September 1, 2024
गोसल ने रैली में दिलावर सिंह को 'शहीद' करार दिया और उसे खालिस्तान जनमत संग्रह के प्रचारकों की संतान बताया। गोसल, जोकि खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के जनरल काउंसिल गुरपतवंत पन्नू का सहयोगी माना जाता है, को हाल ही में कनाडाई कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा उसके जीवन के लिए खतरे की चेतावनी भी दी गई थी। यह चेतावनी ओंटारियो प्रांतीय पुलिस और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस द्वारा जारी की गई थी। गोसल का संबंध हरदीप सिंह निज्जर से भी बताया जाता है, जिसे पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गई थी। खालिस्तान समर्थकों की इन गतिविधियों पर भारतीय सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है। कनाडाई अधिकारियों के साथ भी इस मुद्दे को उठाया गया है, जहां सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने हिंसा को बढ़ावा देने की निंदा की। कनाडा में ऐसे आयोजनों से भारत-कनाडा संबंधों में और दरार आ सकती है, जो पहले से ही कुछ मुद्दों पर तनावपूर्ण रहे हैं।
इससे पहले इसी साल 9 जून को ग्रेटर टोरंटो एरिया के ब्रैम्पटन में एक और विवादास्पद झांकी निकाली गई थी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का पुतला प्रदर्शित किया गया था। उस झांकी में इंदिरा गांधी की हत्या को 'न्याय' के रूप में प्रस्तुत किया गया, जोकि 31 अक्टूबर 1984 को उनके अंगरक्षकों द्वारा की गई थी। इस झांकी के माध्यम से ऑपरेशन ब्लूस्टार की 40वीं वर्षगांठ को चिह्नित किया गया, जिसमें भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में घुसे खालिस्तानी चरमपंथियों का सफाया किया था। उस समय, जरनैल सिंह भिंडरावाले और उसके समर्थकों ने स्वर्ण मंदिर परिसर पर कब्जा कर लिया था, जो खालिस्तान आंदोलन का केंद्र बन गया था।