Union Cabinet: मंत्रिमंडल ने ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' को मंजूरी दी, 4800 करोड़ रूपये खर्च होंगे
punjabkesari.in Wednesday, Feb 15, 2023 - 05:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के सामरिक महत्व के उत्तरी सीमावर्ती इलाकों के विकास के लिए केंद्र पोषित ‘‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम'' को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिस पर 4800 करोड़ रूपये के खर्च का प्रावधान किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी। अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
Union Cabinet approves Centrally sponsored scheme- Vibrant Villages Programme for the financial years 2022-23 to 2025-26 with financial allocation of Rs 4800 Crores: Union Minister Anurag Thakur pic.twitter.com/pPa9zc9rh1
— ANI (@ANI) February 15, 2023
सड़कों के निर्माण पर खर्च होंगे 2500 करोड़ रूपये
उन्होंने बताया कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के दौरान लागू किया जायेगा। इसके लिये 4800 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जिसमें 2500 करोड़ रूपये सड़कों के निर्माण पर खर्च किए जाएंगे। ठाकुर ने कहा कि यह देश की उत्तरी सीमा के सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण है। इससे इन सीमावर्ती गांवों में सुनिश्चित आजीविका मुहैया करायी जा सकेगी जिससे पलायन रोकने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
पहले चरण में 663 गांवों को किया जाएगा शामिल
सरकारी बयान के अनुसार, इस कार्यक्रम से चार राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेश के 19 जिलों और 46 सीमावर्ती ब्लाकों में आजीविका के अवसर और आधारभूत ढांचे को मजबूती मिलेगी। इससे उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्र में समावेशी विकास सुनिश्वित हो सकेगा। इस कार्यक्रम से यहां रहने वाले लोगों के लिये गुणवत्तापूर्ण अवसर प्राप्त हो सकेंगे। इससे समावेशी विकास हासिल करने तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या को बनाए रखने में सहायता मिलेगी। इस कार्यक्रम के पहले चरण में 663 गांवों को शामिल किया जाएगा।
युवाओं व महिलाओं को सशक्त बनाना
इस योजना का उद्देश्य उत्तरी सीमा के सीमावर्ती गांवों में स्थानीय, प्राकृतिक और अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक प्रेरकों की पहचान और विकास करना तथा सामाजिक उद्यमिता प्रोत्साहन, कौशल विकास तथा उद्यमिता के माध्यम से युवाओं व महिलाओं को सशक्त बनाना है। ‘‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम'' के तहत इन इलाकों में विकास केंद्र विकसित करने, स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को प्रोत्साहन देकर पर्यटन क्षमता को मजबूत बनाने और समुदाय आधारित संगठनों, सहकारिता, एनजीओ के माध्यम से “एक गांव एक उत्पाद” की अवधारणा पर स्थायी इको-एग्री बिजनेस के विकास पर ध्यान केंद्रीत किया जायेगा।
बयान के अनुसार, वाइब्रेंट विलेज कार्य योजना को ग्राम पंचायतों की सहायता से जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया जाएगा। केंद्रीय तथा राज्य योजनाओं की शत-प्रतिशत पूर्णता सुनिश्चित की जाएगी। इनके तहत सभी मौसमों के अनुकूल सड़क, पेयजल, 24 घंटे, सौर तथा पवन ऊर्जा पर केंद्रित विद्युत आपूर्ति, मोबाइल तथा इंटरनेट कनेक्टिविटी, पर्यटक केंद्र, बहुद्देशीय सेंटर तथा स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर के विकास पर जोर दिया जायेगा। इसमें कहा गया है कि यह सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम से अलग होगा।