नवजात बच्चों की खरीद-फरोख्त: दलालों का खौफनाक खेल, 8 लाख रुपए में बेच रहे शिशु

punjabkesari.in Tuesday, Jul 09, 2024 - 09:59 AM (IST)

नेशनल डेस्क: राजस्थान में दलालों का एक संगठित गिरोह आदिवासी परिवारों से नवजात बच्चों को 20-40 हजार रुपये में खरीदकर निसंतान जोड़ों को 8 लाख रुपये तक में बेच रहा है। इन बच्चों की डिलीवरी दिल्ली, हैदराबाद, गुजरात, और मध्यप्रदेश तक हो रही है। तकरीबन डेढ़ साल की पड़ताल में इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ है।

खरीद-बेच का घिनौना खेल
कई लोंगो ने दलालों से संपर्क किया, जिसमें  25 दिन के नवजात के लिए 8 लाख रुपये मांगे। सौदा 6 लाख रुपये में तय हुआ और वाट्सएप पर बच्चे का वीडियो भेजा गया। देखने की इच्छा जताने पर दिल्ली के दलाल मनोज ने 20 हजार रुपये मांगे। उदयपुर की दलाल राजकुमारी और तनु पटेल ने गुलाबबाग में बच्चे को खरीदार के हाथों में सौंप दिया।

दलालों का नेटवर्क
-राजकुमारी:
यह मुख्य किरदार है, जो आदिवासी गांवों में संपर्क रखती है। उसकी गैंग में आईवीएफ सेंटर में काम करने वाली लड़कियां भी शामिल हैं, जो निसंतान जोड़ों से संपर्क करती हैं और बच्चों की डिलीवरी का भी प्रबंध करती हैं।
-भैरूलाल: यह गरीबों को नवजात बच्चों को बेचने के लिए प्रलोभन देकर फांसता है। उसके आदमी राजकुमारी को बच्चे देकर जाते हैं।
-मनोज वर्मा: यह नोएडा में रहता है और दिल्ली, हैदराबाद, गुजरात, और कर्नाटक के अस्पतालों से संपर्क में है। जब बच्चे की डिमांड आती है, तो वह राजकुमारी के जरिए बच्चे की डिलीवरी करवाता है।

बच्चे खरीदने-बेचने पर सख्त सजा
किसी का बच्चा आपसी सहमति पर भी नहीं रखा जा सकता। बच्चा खरीदने और बेचने पर दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है, जिसमें 10 साल से लेकर आजीवन सजा का प्रावधान है। इस घिनौने खेल से आदिवासी परिवारों की मजबूरी और दलालों की क्रूरता सामने आती है। सरकार और समाज को इस समस्या के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि इस तरह के अपराधों पर लगाम लगाई जा सके।







 


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Content Editor

Mahima

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