Budget 2025: 1 अप्रैल से TDS और TCS में होंगे बड़े बदलाव, जानिए इसका आपको क्या होगा फायदा!
punjabkesari.in Saturday, Mar 08, 2025 - 12:20 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय बजट 2025 में सरकार ने टैक्सपेयर्स और व्यापारियों के लिए कुछ महत्वपूर्ण बदलावों का ऐलान किया है। ये बदलाव खासतौर पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) और टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) से संबंधित हैं। ये बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे, और इनका उद्देश्य टैक्स प्रणाली को और अधिक सरल बनाना और आम लोगों और व्यापारियों को अनावश्यक परेशानियों से बचाना है। चलिए जानते हैं, इन बदलावों का असर क्या होगा।
1. TDS की नई सीमा (TDS Limit)
जब आप बैंक से ब्याज कमाते हैं, किराया देते हैं या कोई बड़ा भुगतान करते हैं, तो एक निश्चित सीमा के बाद TDS काटा जाता है। इस बजट में इन लिमिट्स को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव किया गया है, ताकि टैक्सपेयर्स को बार-बार अनावश्यक टैक्स कटौती का सामना न करना पड़े। इससे लोगों के कैश फ्लो पर सकारात्मक असर पड़ेगा और उन्हें टैक्स कटौती के चलते होने वाली परेशानियों से राहत मिलेगी। यह कदम विशेष रूप से छोटे कारोबारियों और आम नागरिकों के लिए सहायक होगा, जो रोज़मर्रा के लेन-देन में यह कटौती नहीं चाहते।
2. विदेश में पैसा भेजने पर राहत (Relief on Sending Money Abroad)
विदेश में पैसे भेजने पर पहले 7 लाख रुपये से अधिक की राशि पर TCS (Tax Collected at Source) लगता था। लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। इसका मतलब है कि अगर आप बच्चों की पढ़ाई, पारिवारिक खर्च या किसी अन्य कारण से विदेश में पैसा भेजते हैं, तो अब आपको पहले की तरह 7 लाख रुपये से अधिक पर TCS नहीं देना पड़ेगा। यह बदलाव विशेष रूप से उन परिवारों के लिए राहत की बात है, जिनका विदेश में शिक्षा से जुड़ा खर्च या अन्य जरूरी खर्चा है। इसके अलावा, यदि आप एजुकेशन लोन के जरिए पैसा भेजते हैं, तो उस पर TCS नहीं लगेगा, जिससे विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों को और अधिक सहूलत मिलेगी।
3. 50 लाख रुपये से अधिक की बिक्री पर TCS खत्म (TCS Exemption on Sales Over 50 Lakh)
व्यापारियों के लिए एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अगर आपकी सालाना बिक्री 50 लाख रुपये से अधिक है, तो आपको उस पर 0.1% TCS काटने की जरूरत नहीं होगी। पहले यह प्रावधान था कि जो व्यापारी 50 लाख रुपये से ज्यादा की बिक्री करते थे, उन्हें TCS काटना पड़ता था। अब इस सीमा को खत्म कर दिया गया है, जिससे व्यापारियों को एक बड़ी राहत मिलेगी और उनकी कारोबारी प्रक्रिया में आसानी होगी।
4. ITR न भरने पर ज्यादा TDS नहीं (No Extra TDS for Non-Filers of ITR)
पहले का नियम था कि अगर कोई व्यक्ति आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं करता था, तो उससे उच्च दर पर TDS और TCS काटे जाते थे। बजट 2025 में इस नियम को हटाने का प्रस्ताव किया गया है। अब, जो लोग ITR नहीं भरते हैं, उनसे अधिक TDS नहीं काटा जाएगा। इसका मतलब यह है कि अब छोटे कारोबारी और आम टैक्सपेयर्स को उच्च टैक्स दरों से राहत मिलेगी, जो पहले उनकी आय पर अधिक कटौती का कारण बनती थीं। यह कदम उनके लिए राहत देने वाला होगा जो रिटर्न फाइल नहीं करते थे, लेकिन अब उन्हें ज्यादा टैक्स की चिंता नहीं होगी।
5. TCS जमा करने में देरी पर कोई सजा नहीं (No Jail for Delay in TCS Deposit)
पहले, यदि कोई व्यक्ति समय पर TCS की राशि सरकार को जमा नहीं करता था, तो उसे 3 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा और जुर्माना भुगतना पड़ता था। अब, बजट 2025 में इस नियम में बदलाव किया गया है। यदि बकाया TCS समय पर जमा कर दिया जाता है, तो अब कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसका मतलब यह है कि व्यापारियों और अन्य व्यक्तियों को TCS जमा करने में थोड़ी देरी करने पर अब सजा का सामना नहीं करना पड़ेगा, बशर्ते वे इसे निर्धारित समय में भर दें।
ये बदलाव टैक्सपेयर्स और व्यापारियों के लिए राहत का कारण बनेंगे। इससे टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा, जिससे करदाताओं को अपनी टैक्स जिम्मेदारियों को पूरा करने में कम समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, विदेशी लेन-देन, व्यापारिक गतिविधियों और छोटी कारोबारियों के लिए भी कई राहतें दी गई हैं। यह कदम देश की आर्थिक प्रक्रिया को और भी मजबूत करेगा, और टैक्सपेयर्स को अनावश्यक दवाब से मुक्त करेगा।