''Boycott Bangladesh''... दिल्ली के होलसेल ऑटो पार्ट्स मार्केट में हर दुकान पर लगे पैम्फलेट, व्यापारियों ने किया विरोध
punjabkesari.in Wednesday, Dec 25, 2024 - 11:22 AM (IST)
नेशनल डेस्क: पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों के कारण इस मुद्दे ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ध्यान आकर्षित किया है। इन हमलों के विरोध में दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित होलसेल ऑटो पार्ट्स मार्केट के व्यापारियों ने बांग्लादेश के साथ व्यापार बहिष्कार का ऐलान किया है। उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए अपने-अपने दुकानों पर "बॉयकॉट बांग्लादेश" के पैम्फलेट्स लगाए हैं, जिससे उनका यह संदेश साफ हो रहा है कि वे बांग्लादेश के साथ किसी भी व्यापारिक संबंध को अब जारी नहीं रखना चाहते।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में कश्मीरी गेट व्यापारियों का फैसला
कश्मीरी गेट ऑटो पार्ट्स मार्केट के करीब 2000 व्यापारियों ने मिलकर यह फैसला लिया है कि वे बांग्लादेश के साथ व्यापार बंद करेंगे। यह कदम बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों, मंदिरों की तोड़फोड़ और हत्याओं के विरोध में उठाया गया है। इन व्यापारियों का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा उनके दिलों को बहुत आहत कर रही है, और इस वजह से उन्होंने व्यापारिक संबंध समाप्त करने का निर्णय लिया है। ऑटोमोटिव पार्ट्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट, विनय नारंग, ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, उनके मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और बहुत से हिंदू भाइयों को मार दिया गया है। हम इस अन्याय के खिलाफ खड़े हैं और हमने बांग्लादेश के साथ व्यापार ठप करने का फैसला लिया है।” उन्होंने आगे यह भी कहा कि 15 जनवरी तक कार पार्ट्स का एक्सपोर्ट पूरी तरह से रोक दिया जाएगा। हालांकि, इस कदम का असर ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक नेटवर्क पर पड़ सकता है, क्योंकि कश्मीरी गेट मार्केट में बांग्लादेश को हर साल बड़ी मात्रा में ऑटोमोबाइल पार्ट्स का निर्यात किया जाता है।
कश्मीरी गेट मार्केट में पैम्फलेट्स और विरोध प्रदर्शन
कश्मीरी गेट स्थित हर दुकान पर "बॉयकॉट बांग्लादेश" के पैम्फलेट्स लगाए गए हैं, जो इस बात को दर्शाता है कि बांग्लादेश में हो रही हिंसा के विरोध में व्यापारियों का गुस्सा अब खुलकर सामने आ चुका है। इस कदम का उद्देश्य यह है कि बांग्लादेश सरकार को दबाव डालने के लिए भारत से व्यापारियों का यह संदेश पहुंचे। व्यापारी चाहते हैं कि बांग्लादेश सरकार वहां के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा को रोके और दोषियों को सजा दे।
बांग्लादेश की भारत से मांग
इस बीच, बांग्लादेश सरकार ने भारत के विदेश मंत्रालय को एक डिप्लोमेटिक नोट भेजा है, जिसमें उन्होंने शेख हसीना और उनके साथियों के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज करने की मांग की है। यह शिकायतें बांग्लादेश में हुई हिंसा और नरसंहार से जुड़ी हैं। बांग्लादेश का आरोप है कि शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश सरकार ने कई विरोध प्रदर्शनों को हिंसक रूप से दबाया और लोगों पर अत्याचार किए। इस संदर्भ में, बांग्लादेश सरकार ने भारत से हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। बांग्लादेश की सरकार के अनुसार, उन पर दर्ज की गई शिकायतों में नरसंहार और अन्य गंभीर अपराध शामिल हैं। हालांकि, बांग्लादेश सरकार की यह डिप्लोमेटिक मांग एक औपचारिक नोट वर्बल के रूप में भेजी गई है, जिस पर कोई विशेष हस्ताक्षर नहीं हैं। इसका मतलब यह है कि बांग्लादेश सरकार इस मामले में कोई तीव्र या सार्वजनिक कार्रवाई करने से बच रही है और इसे केवल एक औपचारिक प्रक्रिया के रूप में दिखा रही है।
#WATCH | Delhi: Auto parts traders in Kashmere Gate boycott business with Bangladesh due to attacks on Hindus in Bangladesh.
— ANI (@ANI) December 24, 2024
(Visuals from Kashmere Gate auto parts wholesale market) https://t.co/5ugKGpr1Vm pic.twitter.com/R1HGZT2E47
शेख हसीना की स्थिति
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना वर्तमान में भारत के दिल्ली के बाहरी इलाके में कड़ी सुरक्षा के बीच एक सेफ हाउस में रह रही हैं। शेख हसीना पर बांग्लादेश में कई गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, जिसमें नरसंहार और हिंसा शामिल है। इन आरोपों के चलते उन्हें किसी भी सार्वजनिक स्थान पर आने की अनुमति नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेख हसीना की बेटी साइमा वाज़ेद भी उनसे मिलने के लिए दिल्ली आई थीं, लेकिन उन्हें भी उनसे मिलने की अनुमति नहीं मिली। यह सब कुछ बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति और वहां के हिंदू समुदाय पर हो रही हिंसा को लेकर एक गंभीर संदेश देता है।
बांग्लादेश-भारत व्यापारिक संबंधों पर असर
कश्मीरी गेट के व्यापारियों का यह फैसला निश्चित ही बांग्लादेश के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों पर असर डालने वाला है। हर साल बड़ी मात्रा में कार पार्ट्स का निर्यात बांग्लादेश को किया जाता है, और अब इस निर्यात को रोकने से बांग्लादेश को आर्थिक नुकसान हो सकता है। हालांकि, यह कदम बांग्लादेश सरकार को एक संदेश देने का भी एक तरीका बन सकता है कि भारत में व्यापारियों के बीच इस हिंसा को लेकर गहरी नाराजगी है।
कश्मीरी गेट व्यापारियों का सामाजिक संदेश
कश्मीरी गेट के व्यापारियों का कहना है कि यह सिर्फ एक व्यापारिक निर्णय नहीं है, बल्कि यह उनके धार्मिक विश्वास और समाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा भी है। उनका मानना है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना उनका नैतिक अधिकार है। उनका कहना है कि अगर बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए उन्हें व्यापार बंद करना पड़ा तो वे पीछे नहीं हटेंगे।
कश्मीरी गेट ऑटो पार्ट्स मार्केट में बांग्लादेश के खिलाफ हो रहे व्यापार बहिष्कार के बाद, यह साफ है कि बांग्लादेश में हो रही हिंदू विरोधी हिंसा भारत में व्यापक स्तर पर चिंता का विषय बन चुकी है। भारत और बांग्लादेश के व्यापारिक रिश्तों पर इसका असर पड़ेगा, और साथ ही यह वैश्विक स्तर पर इस मुद्दे पर अधिक ध्यान आकर्षित करने का एक तरीका बन सकता है। अब देखना यह होगा कि बांग्लादेश सरकार इस विरोध पर किस तरह की प्रतिक्रिया देती है और क्या वह वहां के अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने के लिए कुछ ठोस कदम उठाती है या नहीं।