2016 से महिला के माता-पिता का पता लगा रही पुलिस

punjabkesari.in Monday, Jun 24, 2019 - 02:54 PM (IST)

मुंबई(विशेष): पुलिस एक 25 वर्षीय बार डांसर के जैविक माता-पिता का पता लगाने की कोशिश कर रही है। बांबे हाई कोर्ट के आदेश के बाद मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच ने लगभग 1000 लोगों से पूछताछ की है, लेकिन उसे बार डांसर के माता-पिता के बारे में काई जानकारी नहीं मिल सकी है। पुलिस ने 2016 में अपनी जांच प्रारंभ की थी। उस समय महिला ने पुलिस के समक्ष आरोप लगाया था कि पांच साल की उम्र में उसका अपहरण किया गया था और उसे वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया था। अभी तक की जांच में पुलिस को केवल बार डांसर के बचपन की कुछ यादों के रूप में ही कुछ सुराग मिले हैं। इनमें एक मिठाई की दुकान से बर्फी लेना, पास में एक चीनी मिल और बगल के झील में डूबती हुई एक महिला संबंधी यादें प्रमुख हैं। 

महिला की शिकायत के बाद जून, 2016 में संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) संजय सक्सेना ने मुुंबई के उपनगरीय इलाके कांदीवली में एक घर में छापेमारी की और चार कथित तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। इनके नाम विमल ठाकुर, जीतेंद्र ठाकुर, अंजू ठाकुर व पूनम ठाकुर हैं। वहीं सुशील ठाकुर व राधेश्याम पदमसिंह भाटो को मुंबई सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत मिल गई। दूसरी ओर गिरफ्तार किए गए चार लोगोंं को भी उनकी गिरफ्तारी के तीन महीने बाद जमानत मिल गई। 2016 और 2017 की जांच में पता चला कि महिला को आगरा जिले के गांव नगला सूरजभान में एक मेले में करीब 20 हजार रुपये में बेचा गया था। जिन लोगों ने उसे खरीदा उन लोगों ने कथित रूप से उसका नाम बदल दिया और गाजियाबाद से एक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवा लिया। प्रमाणपत्र में उसके पिता का नाम सुशील ठाकुर व माता का नाम राजेश्वरी दर्ज था। 

2016 में इस दंपति का डीएनए टेस्ट करने पर पता चला कि वे उसके जैविक माता-पिता नहीं हैं। अप्रैल, 2018 में महिला की मित्र की मामले की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर बांबे हाई कोर्ट ने पुलिस से उसके जैविक माता-पिता के बारे में पता लगाने के लिए कहा। वहीं क्राइम ब्रांच की ओर से सुशील ठाकुर व भाटो की अग्रिम जमानत रद करने के लिए याचिका दाखिल की गई है। उसके बाद से मुंबई क्राइम ब्रांच ने आगरा, नागपुर, गाजियाबाद व मुंबई में करीब 1000 लोगों से पूछताछ की है। उसकी ओर से लापता लोगों की सूची की भी जांच की गई है। 25 वर्षीय महिला ने कहा, ‘मुझे अपने जगह के बारे में याद नहीं है। लेकिन मुझे याद है कि भाटो ने मुझे उठाया था। हमने डेढ़ दिन तक बस और ट्रेन में यात्रा की। इसके बाद हम उसके पैतृक गांव गोला (आगरा) में गए। वहां मैं कुछ दिनों तक रही।’ उसे केवल अपना पहला नाम याद है। मुुंबई पुलिस का कहना है कि उसे अपनी जांच के दौरान मानव तस्करी के अन्य मामलों में भी ठाकुरों की कथित संलिप्तता के सबूत मिले हैं।  


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Anil dev

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