साइरस मिस्त्री दुर्घटना: गैर इरादतन हत्या के आरोप के संबंध में अदालत ने याचिकाकर्ता से किए सवाल

punjabkesari.in Tuesday, Jan 10, 2023 - 05:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को डॉक्टर अनाहिता पंडोले के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप को शामिल करने के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर याचिकाकर्ता के अदालत में जाने के उसके अधिकार के बारे में पूछा। महाराष्ट्र के पालघर जिले में चार सितंबर को एक कार दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री (54) और एक सहयात्री की मौत हो गई थी। इस घटना में गाड़ी चला रही अनाहिता पंडोले (55) और उनके पति डेरियस पंडोले गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सड़क सुरक्षा का सरोकार रखने का दावा करने वाले याचिकाकर्ता संदेश जेधे ने अपनी जनहित याचिका में पालघर जिले के कासा पुलिस थाने को दुर्घटना मामले के आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। 

बाद में पुलिस ने अनाहिता पंडोले के खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला दर्ज किया। मंगलवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एस. वी. गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की खंडपीठ ने जानना चाहा कि मामले में जेधे का क्या अधिकार है और उच्च न्यायालय एक मजिस्ट्रेट का काम कैसे कर सकता है। अदालत ने पूछा, “यह एक मजिस्ट्रेट का काम है। यह मजिस्ट्रेट है जो तय कर सकता है कि कौन से आरोप लगाए जाएं। आप (याचिकाकर्ता) चाहते हैं कि उच्च न्यायलय मजिस्ट्रेट का काम करे? आपका क्या अधिकार है? आप इस मामले में कैसे चिंतित हैं?” 

पीठ ने कहा कि संबंधित पुलिस कोई भी आरोप जोड़ सकती है और यह मजिस्ट्रेट पर है कि वह उस पर विचार करे और देखे कि क्या कोई और आरोप शामिल करने की जरूरत है। जेधे के वकील सादिक अली ने दावा किया कि याचिकाकर्ता के पास सबूत है कि दुर्घटना के समय अनाहिता पंडोले शराब के नशे में थीं। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में एक सीसीटीवी फुटेज का हवाला दिया, जिसमें कथित तौर पर संकेत किया गया था कि मिस्त्री सहित अन्य लोगों को गाड़ी चला कर ले जाने से पहले अनाहिता पंडोले पिछली रात (तीन सितंबर, 2022) को एक कैफे में शराब पी रही थी। डेरियस पंडोले की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील रफीक दादा ने जनहित याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया। 

अनाहिता पंडोले की ओर से वरिष्ठ वकील अबाद पोंडा ने कहा, “यह कल्पना पर आधारित है कि वह शराब के नशे में थी। पुलिस द्वारा परीक्षण किए गए थे।” सरकारी वकील अरुणा कामत पाई ने स्पष्ट किया कि पुलिस के “परीक्षण नकारात्मक थे।” अली ने यह भी दावा किया कि उसके पास अपने मामले को साबित करने के लिए और सबूत हैं और उसने आखिरी मौका मांगा। इसके बाद अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तारीख तय की। याचिका में कहा गया है कि अनाहिता पंडोले के साथ डेरियस पंडोले पर भी धारा 304 आईपीएस के तहत अपराध का आरोप लगाया जाना चाहिए, क्योंकि वह वाहन का मालिक था और उसने अपनी पत्नी को "उसकी पीने की लत" के बारे में कथित रूप से जानकारी होने के बावजूद वाहन चलाने से नहीं रोका था। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Anil dev

Recommended News

Related News