महाराष्ट्र सरकार नदी प्रदूषण पर रोक लगाने की इच्छुक नहीं दिख रही: उच्च न्यायालय

punjabkesari.in Wednesday, Jul 18, 2018 - 10:54 AM (IST)

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने आज महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि वह नदी प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए कोई कदम उठाने को इच्छुक नहीं दिख रही है। न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति रियाज छागला की सदस्यता वाली एक खंड पीठ ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) वनशक्ति की एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।

इस संगठन ने राज्य में सीवेज और अन्य रसायनों से नदियों के प्रदूषित होने पर ङ्क्षचता जताते हुए यह याचिका दायर की है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से अधिवक्ता र्शिमला देशमुख ने पीठ से कहा कि 2014 में 49 नदियां प्रदूषित पाई गई थी। उन्होंने कहा कि यह संख्या इस साल बढ़ कर 59 हो गई है। न्यायाधीशों ने कहा कि राज्य सरकार कोई एहतियाती कदम उठाने में रूचि नहीं दिखा रही है।

न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि वक्त आ गया है कि राज्य सरकार इन उल्लंघनों को रोकने पर गौर करे। यदि नदी जल संरक्षण नीति बनाने में सरकार की ओर से कोई नाकामी होती है तो हम सरकार को उपयुक्त आदेश जारी कर एहतियाती कदम उठाने को कहेंगे। बहरहाल , अदालत ने याचिका की अगली सुनवाई सात अगस्त के लिए मुल्तवी कर दी और सरकार को सीपीसीबी द्वारा दी गई रिपोर्ट पर विचार करने का निर्देश दिया।           


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Anil dev

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