अदालत ने महिला को दी गंभीर विकृतियों वाले भ्रूण को समाप्त कराने की इजाजत
punjabkesari.in Monday, Nov 06, 2017 - 06:06 PM (IST)

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने 28 वर्षीय एक महिला को तंत्रिका तंत्र और अस्ति पंजर की गंभीर विकृति वाले 25 सप्ताह के गर्भ के समापन की नुमति दे दी है। महिला ने गर्भधारण के 22 सप्ताह बाद सोनोग्राफी कराई और भ्रूण के अनेक विकृतियों के ग्रस्त होने की बात सामने आने के बाद उसने अदालत का रुख किया। भ्रूण में तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्या होने की बात पता चलने पर महिला ने चिकित्सीय गर्भ समापन की अनुमति के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया क्योंकि कानून के मुताबित गर्भधारण के 20 सप्ताह के पश्चात गर्भपात र्विजत है।
न्यायमूर्ति एसएम केमकर और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की पीठ ने पिछले सप्ताह जेजे अस्पताल के डॉक्टरों के पैनल को महिला की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे। पीठ ने आज रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि चिकित्सक इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि भ्रूण में गंभीर विकृतियां हैं और गर्भावस्था को जारी रखने पर माता को नुकसान पहुंच सकता है। इससे साथ ही अदालत ने याचिकर्ता को चिकित्सीय गर्भ समापन की इजाजत देते हुए कहा, ‘‘हम यह प्रकिया कल ही जेजे अस्पताल में कराने का निर्देश देते हैं। ’’
अदालत ने आज यह भी जानना चाहा कि क्या सरकार ने बलात्कार पीड़ितों और विकृत भ्रूण वाली महिलाओं के 20 सप्ताह के बाद के गर्भ को समाप्त करने के लिए स्थाई तंत्र बनाने के वास्ते मेडिकल समितियों का गठन किया है और वैध दिशानिर्देश बनाए हैं। इस पर केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि सरकार ने सभी राज्य सरकारों को इस संबंध में निर्देश दे दिए हैं।