बोफोर्स घोटाला: CBI का खुलासा, UPA ने नहीं की क्वात्रोची के खिलाफ कार्रवाई

punjabkesari.in Thursday, Sep 28, 2017 - 11:50 PM (IST)

नई दिल्लीः सीबीआई ने संसदीय समिति को बोफोर्स घोटाले से जुड़ी अहम जानकारी दी है। इसमें केद्रीय जांच ब्यूरों की ओर से कहा गया है कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस डील में एक और बड़ी चूक की थी। बोफोर्स घोटाला में नाम आने वाले विदेशी बिजनेसमेन ओतोविया क्वात्रोची को कोर्ट के खिलाफ कोर्ट की कार्यवाही चल रही थी और यूपीए उनके यूके में स्थित अकाउंट्स से पैसों की निकासी पर लगी रोक को जारी करवा सकती थी।

बता दें, कांग्रेस पर आरोप है कि उसने इस रोक को जारी नहीं रहने दिया और इटालियन बिजनेसमेन की मदद की। बताया जाता है कि क्वात्रोची पर शक था कि वो बोफोर्स डील के फंड में करीब 1 मिलियन डॉलर और 3 मिलियन यूरो का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बावजूद उनके अकाउंट्स के खिलाफ यूपीए सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। 

इतना ही नहीं सीबीआई को जांच में पता चला कि यूपीए चाहती थी वे अपने इन पैसों को खातों से निकाल लें। यूके के क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने सलाह दी कि सीआरपीसी की धारा 82 के तहत उनपर लगी रोक को जारी रखा जा सकता है, लेकिन तत्काली सोलिक्टर जनरल भगवान दत्ता से खारिज कर दिया था।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक उन्होंने कारण दिया कि सीपीएस की ओर से लगाई धारा 82 को क्वात्रोची के खिलाफ ठोस सबूत नहीं माना जा सकता। सीबीआई ने संसदीय समिति को ये भी बताया कि बोफोर्स मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ तत्कालीन सरकार ने उसे सुप्रीम कोर्ट जाने की इजाजत नहीं दी थी। रक्षा मामलों की छह सदस्यीय लोक लेखा समिति की उपसमिति बोफोर्स तोप सौदे में 1986 की कैग रिपोर्ट की अनुपालन न होने की पड़ताल कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि समिति ने सीबीआई से पिछले महीने पूछा था कि इस मामले में 2005 में दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाही समाप्त करने के फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गई। जांच एजेंसी ने समिति को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश का विश्लेषण करने के बाद सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करना चाहती थी। 


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