दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे का भाजपा ने किया स्वागत, टीएमसी ने बताया ‘अहसानफरामोश’

punjabkesari.in Friday, Feb 12, 2021 - 06:47 PM (IST)

नेशनल डेस्कः पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने दिनेश त्रिवेदी को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद उन्हें ‘कृतघ्न' करार दिया। वहीं, दूसरी ओर भाजपा ने उन्हें भगवा पार्टी में शामिल होने का न्योता देने में तनिक भी देरी नहीं की। राज्य विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से नाता तोड़ने के कयासों के बीच त्रिवेदी का इस्तीफा आया है। त्रिवेदी के इस्तीफे से नाराज तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व एवं जनता के भरोसे के साथ विश्वासघात किया है।

बता दें कि त्रिवेदी करीब दो महीने से तृणमूल कांग्रेस से दूरी बनाए हुए थे। पूर्व रेल मंत्री एवं दो बार के लोकसभा सदस्य त्रिवेदी को तृणमूल कांग्रेस ने वर्ष 2019 में आम चुनाव हारने के बाद राज्यसभा में भेजा था। खबर है कि उनका गत कुछ महीनों से पार्टी के वरिष्ठ राज्यसभा सदस्य से अनबन चल रही थी। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के उपनेता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि त्रिवेदी ‘कृतघ्न' हैं।

रॉय ने कहा, ‘‘पिछले कई सालों से उन्होंने (त्रिवेदी) कुछ नहीं कहा। अब अचानक विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले उनकी शिकायत है। यह उनका वास्तविक चरित्र दिखाता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘वह कृत्घन हैं और उन्होंने जनता के भरोसे के साथ विश्वासघात किया है।'' रॉय के विचारों से सहमति जताते हुए पार्टी सहयोगी एवं लोकसभा सदस्य सौगत रॉय ने कहा, ‘‘ त्रिवेदी जैसे लोग अपने कार्यकाल में सत्ता का सुख लेते हैं एवं चुनाव के समय छोड़ कर चले जाते हैं। अगर उनको कोई शिकायत थी तो वह पार्टी में उठा सकते थे।''

वहीं, भाजपा ने कहा, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस के अंत की शुरुआत पहले ही हो चुकी है।' पश्चिम बंगाल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि त्रिवेदी जल्द ही तृणमूल कांग्रेस से भी अलग हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ उनका तृणमूल से अलग होना महज समय का मामला है। अगर दिनेश त्रिवेदी हमसे जुड़ना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।'' भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने त्रिवेदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अच्छे नेता हैं जो तृणमूल कांग्रेस जैसी पार्टी में घुटन महसूस कर रहे थे।

गौरतलब है कि तृकां के वरिष्ठ नेताओं - सुभेंदु अधिकारी और राजीब बनर्जी - भाजपा में शामिल हो चुके हैं जबकि लक्ष्मी शुक्ला ने राजनीति छोड़ने की इच्छा जताते हुए पार्टी से किनारा कर लिया था। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब त्रिवेदी ने सार्वजनिक रूप से पार्टी को लेकर अपनी शिकायत व्यक्त की थी। इससे पहले मार्च 2012 में पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने उनके द्वारा पेश रेल बजट का विरोध किया था जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।


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Content Writer

Yaspal

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