मिशन 2019ः ‘सत्ता भोग के 50 साल बनाम सेवा भाव के 50 महीने’ थीम होगी
punjabkesari.in Friday, Mar 15, 2019 - 11:13 AM (IST)
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा के साथ ही भाजपा ने अपनी प्रचार की रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। लगभग 2 महीने लम्बे चुनाव प्रचार अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत भाजपा के स्टार प्रचारकों की लगभग 1,000 सभाएं होंगी। खुद प्रधानमंत्री के लगभग 200 सभाएं करने की सम्भावना है। उनके अलावा अमित शाह, राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ भी धुआंधार प्रचार करेंगे। प्रचार की मुख्य थीम ‘सत्ता भोग के 50 साल बनाम सेवा भाव के 50 महीने’ रहेगी। भाजपा की चुनाव प्रचार रणनीति से जुड़े एक प्रमुख नेता ने कहा है कि भाजपा के केन्द्रीय प्रचारक लोकसभा की सभी सीटों पर प्रचार करेंगे। चाहे वे सीटें भाजपा लड़ रही हो या फिर उसके सहयोगी हालांकि उसका सबसे ज्यादा फोकस उन राज्यों पर रहेगा, जहां वह अभी मजबूत है और जहां से उसके लिए बेहतर सम्भावनाएं हैं। लोकसभा चुनाव लड़ रहे नेता भी अपने चुनाव के पहले भी काफी समय दूसरी सीटों पर प्रचार में लगाएंगे और अपना चुनाव होने के बाद तो पूरा समय देंगे ही।
हर चरण के साथ होगी समीक्षा
भाजपा के राज्यों के नेता अपने राज्यों में तो प्रचार करेंगे ही, जरूरत पडऩे पर दूसरे राज्यों में भी प्रचार करेंगे। जिन राज्यों में दूसरे प्रदेश के लोग ज्यादा संख्या में रहते हैं वहां के नेताओं को भी सभाओं के लिए बुलाया जाएगा। हर चरण के साथ भाजपा उस चरण की समीक्षा करेगी और रणनीति भी बदलेगी।
कांग्रेस के 50 साल पर होगा निशाना
मुख्य थीम कांग्रेस के सत्ता के 50 साल बनाम मोदी सरकार के 50 महीने रहेगी। भाजपा ने इस पर 20 ङ्क्षबदुओं को तैयार किया है जिनमें कहा गया है कि 50 साल में क्या था और 50 महीने में क्या हुआ है। इसमें ज्यादातर सरकार की उपलब्धियां हैं। इसे हर नेता को मुहैया कराया जा रहा है ताकि वे कांग्रेस के दुष्प्रचार का तो करारा जवाब दे ही सकें।
यू.पी., बिहार व बंगाल के हर चरण में प्रचार करेंगे
प्रधानमंत्री सभी चरणों में सभी राज्यों में धुआंधार प्रचार करेंगे। उत्तर प्रदेश, बिहार व पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री के सभी चरणों में प्रचार करने की सम्भावना है। अमित शाह पूरे अभियान में सबसे ज्यादा सभाएं करेंगे। अन्य प्रमुख प्रचारकों में राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, उमा भारती, स्मृति ईरानी, शिवराज सिंह चौहान, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं।