अजित पवार के साथ भाजपा के सरकार बनाने के प्रयास से राष्ट्रपति शासन खत्म हुआ : शरद पवार

punjabkesari.in Wednesday, Feb 22, 2023 - 04:28 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा उनके भतीजे और राकांपा नेता अजित पवार के साथ सरकार बनाने की कोशिश का एक फायदा यह हुआ कि इससे 2019 में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन समाप्त हो गया। पवार ने पिंपरी चिंचवड़ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अगर (अजित के साथ सरकार गठन की) ये कवायद नहीं हुई होती, तो राज्य में राष्ट्रपति शासन जारी रहता।

वह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस दावे के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि अजित पवार के साथ सरकार बनाने के लिए राकांपा प्रमुख शरद पवार का भी समर्थन प्राप्त था। राकांपा प्रमुख ने कहा, “सरकार बनाने का प्रयास किया गया था। उस कवायद का एक फायदा यह हुआ कि इससे महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटाने में मदद मिली और उसके बाद जो हुआ, वह सभी ने देखा है।''

क्या इस बारे में बोलने की जरूरत है?
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस तरह के सरकार गठन के बारे में पता था और अजित पवार इस मुद्दे पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं, राकांपा प्रमुख ने हैरानी जताते हुए कहा कि क्या इस बारे में बोलने की जरूरत है? उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अभी कहा कि अगर इस तरह की कवायद नहीं होती तो क्या राष्ट्रपति शासन हटा लिया जाता? अगर राष्ट्रपति शासन नहीं हटा होता तो क्या उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते?''

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एक आश्चर्यजनक राजनीतिक घटनाक्रम के बाद तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 23 नवंबर, 2019 को एक समारोह में फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी, लेकिन सरकार सिर्फ तीन दिन तक चली, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने राकांपा और कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

 


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Content Editor

rajesh kumar

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