Rahul Gandhi की विदेश यात्रा पर बीजेपी ने उठाए सवाल, कहा- बंद दरवाजों के पीछे भारत विरोधी...
punjabkesari.in Saturday, Sep 27, 2025 - 12:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी दक्षिण अमेरिका के चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस दौरान वे नेताओं, विश्वविद्यालय के छात्रों और व्यापारिक समुदाय के साथ मुलाकात करेंगे। राहुल गांधी की इस विदेश यात्रा को लेकर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं और इसे आलोचना का विषय बनाया है।
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Rahul Gandhi goes on yet another foreign visit!
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) September 27, 2025
Rahul Gandhi departs to South America!
Wonder who will be the next anti-India element that Rahul will meet behind closed doors!
Rahul wants to fight the Indian state and Indian democracy!
He is building a global alliance for it.… pic.twitter.com/tti3v2qQ3U
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी बोले-
बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राहुल गांधी की यात्रा को लेकर कहा कि यह एक और विदेश दौरा है और उन्होंने सवाल उठाया कि बंद दरवाजों के पीछे राहुल गांधी किन भारत-विरोधी तत्वों से मिल सकते हैं। भंडारी ने कहा कि राहुल गांधी भारतीय राज्य और लोकतंत्र से लड़ने की रणनीति बना रहे हैं और वैश्विक गठबंधन बना सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने पहले भी विदेशी हस्तक्षेप की मांग की है और कुछ विदेशियों तथा खालिस्तानी तत्वों से संपर्क किया है। भंडारी ने राहुल गांधी की यात्रा के समय पर भी सवाल उठाए, कहा कि यह यात्रा एनएसए के तहत वैचारिक अराजकतावादी सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के ठीक बाद हो रही है।
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लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष, श्री राहुल गांधी, दक्षिण अमेरिका के चार देशों की यात्रा पर हैं। वहाँ वे राजनैतिक नेताओं, विश्विद्यालयों के छात्रों एवं उद्योग व व्यापार जगत के सदस्यों से संवाद करेंगे।
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) September 27, 2025
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पवन खेड़ा ने बताया यात्रा का मकसद-
कांग्रेस के पवन खेड़ा ने बताया कि राहुल गांधी ब्राजील और कोलंबिया में विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ संवाद करेंगे और इसके अलावा वे कई देशों के राष्ट्रपतियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकें करेंगे। सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी का दौरा शिक्षा, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर केंद्रित रहेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे दौरे भारत के वैश्विक कूटनीतिक संबंधों और छात्रों तथा व्यापारिक समुदाय के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक समझ को बढ़ावा देने का अवसर होते हैं। विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवाल राजनीतिक दृष्टिकोण से भी चर्चा का हिस्सा बन सकते हैं।