भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष! मॉनसून सत्र से पहले हो सकता है ऐलान
punjabkesari.in Thursday, Jun 12, 2025 - 11:49 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में जल्द ही एक बड़ा संगठनात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है। संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है और इससे पहले ही पार्टी को अपना नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 में समाप्त हो चुका है और वह फिलहाल एक्सटेंशन पर अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। चूंकि नड्डा अब मोदी सरकार में मंत्री भी हैं, इसलिए भाजपा 'एक व्यक्ति, एक पद' के अपने सिद्धांत का पालन करते हुए जल्द ही नए अध्यक्ष का चुनाव करने की तैयारी में है।
प्रदेश अध्यक्षों के चुनाव के बाद शुरू होगी राष्ट्रीय अध्यक्ष की प्रक्रिया-
पार्टी सूत्रों के अनुसार, अगले हफ्ते से भाजपा में अध्यक्ष पद को लेकर कवायद तेज हो जाएगी। सबसे पहले, 10 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव किया जाएगा। इस प्रक्रिया को 21 जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इन प्रदेश अध्यक्षों के चुने जाने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पार्टी चाहती है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जाने से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भर लिया जाए, ताकि चुनाव के दौरान विपक्ष के किसी भी नकारात्मक नैरेटिव का प्रभावी ढंग से जवाब दिया जा सके।
रेस में कौन-कौन?
- शिवराज सिंह चौहान
- सुनील बंसल धर्मेंद्र प्रधान
- इन तीनों के अलावा, तमिलनाडु से आने वाली वानति श्रीनिवासन, तमिलिसाई सौंदर्यराजन, और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के संस्थापक एन.टी. रामाराव (NTR) की बेटी डी. पुरंदेश्वरी का नाम भी चर्चा में है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है?
भाजपा के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष वही व्यक्ति बन सकता है जो कम से कम 15 वर्षों तक पार्टी का सक्रिय सदस्य रहा हो। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल करता है, जिसमें राष्ट्रीय परिषद के सदस्य और विभिन्न प्रदेशों के सदस्य शामिल होते हैं। निर्वाचक मंडल में से कम से कम बीस सदस्य मिलकर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने वाले किसी भी व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव पेश कर सकते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले जिला संगठनों के चुनाव, प्रदेश संगठन और राष्ट्रीय परिषद के चुनाव होते हैं। संगठनात्मक दृष्टि से भाजपा ने भारत को 36 राज्यों में बांट रखा है। आधे से ज्यादा राज्यों के संगठन के चुनाव पूरे हो जाने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव संपन्न होता है।