''ब्रिटेन-भारत स्वास्थ्य क्षेत्र में मिल कर करेंगे चुनौतियों का सामना''

punjabkesari.in Monday, Mar 25, 2019 - 05:59 PM (IST)

बर्मिंघम: ब्रिटेन का दिल माने जाते बर्मिंघम में प्रसिद्ध 'क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल' सहयोग से एक स्वास्थ्य सम्मेलन का आयोन किया गया जिसमें भारत और ब्रिटेन के 120 से अधिक प्रमुख स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया व स्वास्थ्य के संभावित क्षेत्रों व दोनों देशों के बीच सहयोग पर चर्चा की । सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान और नवाचार की बहस को व्यापक और समृद्ध करने के लिए एक मंच प्रदान करना, कार्यबल की चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना, और एक समय में इस क्षेत्र में विनिमय, वर्तमान दृष्टिकोण और संभव समाधान के पैमाने पर सार्थक चर्चा करना था।

PunjabKesari

बता दें कि दोनों देशों का हेल्थकेयर सेक्टर एक नए मोड़ पर है। भारत के महावाणिज्य दूतावास व बर्मिंघम के भारतीय उच्चायोग द्वारा 22 मार्च को करवाए गए इस सम्मेलन में यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स बर्मिंघम, एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट, ग्रेटर बर्मिंघम और सोलीहुल इंटरप्राइज इंटेलीजेंस पार्टनरशिप (GBSLEP) द्वारा विशेष तौर पर सहयोग दिया गया । भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) एनईएस के आरएच जैकी स्मिथ व यूएचबी हॉस्पिटल्स एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट ने यूके के सबसे बड़े अस्पताल में ओयजित कांफ्रेंस में पधारे सभी प्रतिनिधियों का स्वागत किया व सम्मेलन के उद्देश्य पर जोर देते हुए कहा कि कैसे दोनों देशों के बीच पारस्परिक  साझेदारी फायदेमंद हो सकती है।

PunjabKesari

यूके में भारत के उच्चायुक्त, एच ई रूचि घनश्याम ने सम्मेलन में आश्वासन दिया कि दोनों सरकारें स्वास्थ्य सेवा सहयोग का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं । उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत और ब्रिटेन को इस क्षेत्र में वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व स्तर के चिकित्सा उपचार प्रदान करने में सक्षम है। भारत में सदियों से विकसित दवाओं की पारंपरिक प्रणालियों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत में बहुत कुछ है जो हम विदेशों से आने वाले लोगों को दे सकते हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Tanuja

Recommended News

Related News