इस बार कड़ाके की पड़ेगी ठंड! ला नीना के असर से पारा गिरेगा तेजी से, किसानों और आम लोगों को दी गई चेतावनी

punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 02:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क: इस साल बिहार और उत्तर भारत के कई हिस्सों ने झमाझम मानसून, बाढ़ और उमस झेली, लेकिन अब मौसम का मिज़ाज पूरी तरह बदलने वाला है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मानें तो 2025 की सर्दी सामान्य से कहीं ज्यादा सख्त और लंबी हो सकती है। वैज्ञानिकों ने इसकी वजह "ला नीना" प्रभाव को बताया है, जो इस बार भारत में ज्यादा तीव्र असर डालेगा।

क्या है 'ला नीना' और क्यों है ये खतरनाक?
"ला नीना" दरअसल प्रशांत महासागर में समुद्री सतह के तापमान में गिरावट की एक स्थिति होती है। जब समुद्र का तापमान सामान्य से काफी नीचे चला जाता है, तो वैश्विक स्तर पर मौसम चक्र प्रभावित होते हैं। भारत में इसका सीधा असर ठंडी हवाओं और लंबे समय तक चलने वाले ठंडे मौसम के रूप में देखा जाता है।

अमेरिकी क्लाइमेट प्रेडिक्शन सेंटर के अनुसार, अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच ला नीना के बनने की संभावना 71% है, जो आने वाले महीनों में देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों को जबरदस्त ठंड की चपेट में ला सकता है।

बिहार में क्या होगा असर?
पाला पड़ेगा लंबे समय तक: IMD का अनुमान है कि मैदानों में पाले की अवधि बढ़ेगी। यानी दिसंबर से फरवरी के बीच लंबे समय तक ज़मीन पर बर्फ जमने जैसी स्थिति बनी रहेगी। रबी फसलें खतरे में: गेहूं, सरसों और सब्ज़ियों जैसी रबी फसलों पर पाले का बुरा असर हो सकता है। किसान अगर समय रहते सावधानी न बरतें, तो भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

शहरी इलाकों में बढ़ेगी बिजली की मांग: अधिक ठंड के चलते हीटर, गीजर जैसे उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ेगा, जिससे पावर सप्लाई पर दबाव बढ़ेगा।

बुजुर्गों-बच्चों को खतरा: ठंडी हवाएं और गिरता तापमान खासकर बुजुर्ग, छोटे बच्चों और बीमार लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।

हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी और असर
हिमालय में इस बार सामान्य से ज्यादा बर्फबारी की संभावना जताई गई है। यह एक ओर नदियों और जल स्रोतों के लिए फायदेमंद है, लेकिन यात्रा और आपूर्ति तंत्र पर असर डाल सकता है। बर्फबारी से कई पहाड़ी इलाकों में आवाजाही मुश्किल हो सकती है।

फिलहाल बिहार में क्या मौसम रहेगा?
मौसम विभाग के मुताबिक, 24-25 सितंबर से एक बार फिर बारिश लौट सकती है, जिससे ठंड की शुरुआत थोड़ी और टल सकती है। हालांकि अक्टूबर के पहले सप्ताह से तापमान में गिरावट शुरू हो जाएगी और नवंबर-दिसंबर में कड़ाके की सर्दी पूरे राज्य में महसूस की जाएगी।
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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