Bihar elections 2025: C-Voter सर्वे: कौन होगा अगला मुख्यमंत्री? नीतीश नहीं, जनता ने बताए नए पसंदीदा चेहरे
punjabkesari.in Saturday, Oct 11, 2025 - 12:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बिहार में चुनावी घमासान अब पूरे शबाब पर है। जैसे-जैसे 6 नवंबर को पहले चरण की वोटिंग की तारीख नजदीक आ रही है, सियासी पारा चरम पर पहुंच चुका है। इस बार मुकाबला पारंपरिक से हटकर कुछ अलग और दिलचस्प बनता दिख रहा है। तीन ध्रुवों में बंटे इस चुनाव में एक ओर हैं एनडीए के अनुभवी नीतीश कुमार, दूसरी ओर महागठबंधन की अगुवाई कर रहे युवा नेता तेजस्वी यादव, और तीसरी ओर हैं चुनावी मैदान में पहली बार उतर रहे रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर।
इसी सियासी पृष्ठभूमि में C-Voter द्वारा कराए गए एक ताजा सर्वे ने राज्य की राजनीति को एक नया मोड़ दे दिया है। सर्वे में जब जनता से पूछा गया कि वे मुख्यमंत्री पद के लिए किसे सबसे उपयुक्त मानते हैं, तो नतीजे काफी चौंकाने वाले आए हैं।
तेजस्वी यादव पर सबसे ज्यादा भरोसा
सर्वे के मुताबिक, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को बिहार के मतदाताओं ने सबसे ज्यादा पसंद किया है। 36.5% लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी पहली पसंद बताया है। यह आंकड़ा साफ दर्शाता है कि तेजस्वी की लोकप्रियता अब केवल युवाओं या पिछड़े वर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने व्यापक जनसमर्थन हासिल किया है।
नई एंट्री में धमाका: प्रशांत किशोर दूसरे नंबर पर
इस बार की सियासी चर्चा का बड़ा हिस्सा बटोरने में कामयाब रहे हैं प्रशांत किशोर। पहली बार अपनी पार्टी 'जन सुराज' के साथ विधानसभा चुनाव में उतर रहे किशोर ने सीधे जनता से जुड़कर जो पैठ बनाई है, वह सर्वे में साफ नजर आई। 23.2% लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी पसंद बताया है। एक ऐसे नेता के लिए यह आंकड़ा चौंकाने वाला है जो पहली बार चुनावी दौड़ में शामिल हुआ है।
'सुशासन बाबू' की चमक फीकी?
कभी विकास और कानून व्यवस्था के प्रतीक माने जाने वाले नीतीश कुमार को इस सर्वे में झटका लगा है। महज 15.9% मतदाताओं ने उन्हें सीएम के रूप में अपनी पसंद बताया है। बिहार की राजनीति में लंबा अनुभव रखने के बावजूद उनकी लोकप्रियता में गिरावट यह संकेत देती है कि मतदाता अब बदलाव की ओर देख रहे हैं।
चिराग और सम्राट की भी मौजूदगी
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान को 8.8% लोगों का समर्थन मिला है। हालांकि यह आंकड़ा छोटा लगता है, लेकिन यह बताता है कि युवा चेहरों की राजनीति में उनकी भी एक पहचान बनी हुई है। वहीं, एनडीए के एक और नेता सम्राट चौधरी का नाम भी चर्चा में है, हालांकि उनकी स्थिति सर्वे में बहुत प्रमुख नहीं रही।
कौन सुलझाएगा बिहार की समस्याएं?
सर्वे में एक और अहम सवाल यह था कि जनता के अनुसार, बिहार की जटिल समस्याओं का समाधान कौन कर सकता है? इस पर भी दिलचस्प आंकड़े सामने आए:
महागठबंधन पर भरोसा: 36.5% लोगों ने माना कि राजद और उसके सहयोगी बिहार की समस्याओं को हल करने में सक्षम हैं।
एनडीए का समर्थन: 34.3% मतदाताओं ने नीतीश कुमार और भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन पर भरोसा जताया।
जन सुराज की उम्मीदें: 12.8% लोगों ने विश्वास जताया कि प्रशांत किशोर की नई राजनीतिक सोच से राज्य की दिशा बदल सकती है।
कोई विकल्प नहीं: 9.4% लोग ऐसे भी हैं जिन्हें लगता है कि कोई भी दल राज्य की समस्याओं को हल नहीं कर सकता।
किसकी बन सकती है सरकार?
जहां एक ओर तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर जनता के बीच लोकप्रियता के शिखर पर नजर आ रहे हैं, वहीं सीटों की बात करें तो एनडीए अब भी रेस में आगे बताया जा रहा है। सर्वे के मुताबिक:
एनडीए के सत्ता में लौटने की संभावना: 40% मतदाताओं का मानना है कि नीतीश-मोदी की जोड़ी फिर से सरकार बना सकती है।
महागठबंधन को मौका: 38.3% लोग मानते हैं कि इस बार बिहार की कमान तेजस्वी यादव को मिल सकती है।
जन सुराज की संभावनाएं: 13.3% लोगों ने माना कि प्रशांत किशोर की पार्टी तीसरी ताकत के रूप में उभर सकती है।