बुर्का या घूंघट पहनी महिला मतदाताओं की भी होगी जांच? चुनाव आयोग ने दिया स्पष्ट निर्देश
punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 07:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क : निर्वाचन आयोग ने रविवार को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पूरा कार्यक्रम घोषित कर दिया। सभी 243 सीटों पर होने वाले इस चुनाव को दो चरणों में आयोजित किया जाएगा पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। इस घोषणा के दौरान बुर्का या घूंघट पहनकर आने वाली महिला मतदाताओं की पहचान को लेकर उठे सवाल पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्रों पर आंगनवाड़ी सेविकाओं की तैनाती की जाएगी, जो आवश्यकता पड़ने पर पहचान सत्यापन में सहायता करेंगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त का जवाब
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों के सवाल पर ज्ञानेश कुमार ने कहा, "जहां तक बुर्कानशीं या पर्दानशीं मतदाताओं की बात है, तो पहचान के लिए हमारी आंगनवाड़ी सेविकाएं उपलब्ध रहेंगी। जरूरत पड़ने पर जांच होगी। निर्वाचन आयोग का स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि मतदान केंद्र पर पहचान का सत्यापन होगा और उनका कड़ाई से पालन होगा।" उन्होंने जोर देकर कहा कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होगी, ताकि केवल वास्तविक मतदाता ही वोट डाल सकें।
यह मुद्दा चुनावी माहौल में जोर-शोर से उठा है, क्योंकि विपक्षी दल इसे सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास बता रहे हैं। आयोग ने स्पष्ट किया कि पहचान सत्यापन के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा, जिसमें महिला अधिकारी ही शामिल होंगी।
बीजेपी की ये थी मांग
इससे पहले शनिवार को बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने निर्वाचन आयोग से मुलाकात के दौरान इस मुद्दे को उठाया था। जायसवाल ने कहा था, "हमने आयोग से आग्रह किया है कि चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाएं। साथ ही, मतदान करने आने वाले मतदाताओं, खासकर बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान, उनके चेहरे का मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) से मिलान करके सत्यापित की जाए, ताकि केवल वास्तविक मतदाता ही मतदान कर सकें।"
उनकी इस मांग पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने तीखा प्रहार किया। आरजेडी ने इसे "घृणा की राजनीति" करार देते हुए कहा कि यह बीजेपी का सांप्रदायिक एजेंडा चलाने का प्रयास है। आरजेडी प्रवक्ता अभय कुषवाहा ने कहा, "विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के बाद सभी मतदाताओं को नई ईपीआईसी कार्ड जारी हो चुकी हैं। पहचान का कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन बीजेपी अपनी रणनीति के तहत विवाद खड़ी कर रही है।" वहीं, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने समर्थन देते हुए कहा कि कानून सबके लिए समान होना चाहिए चाहे बुर्का हो या घूंघट।