Ayushman Bharat Yojana में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा, 562 करोड़ रुपये के 2.7 लाख क्लेम पाए गए फर्जी
punjabkesari.in Wednesday, Feb 12, 2025 - 09:39 AM (IST)
नेशनल डेस्क। मोदी सरकार की एक प्रमुख योजना आयुष्मान भारत योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। राज्यसभा में सरकार ने बताया कि इस योजना के तहत राष्ट्रीय धोखाधड़ी विरोधी इकाई की जांच में प्राइवेट अस्पतालों के द्वारा किए गए 562 करोड़ रुपये के 2.7 लाख फर्जी दावों का खुलासा हुआ है। इस खुलासे के बाद सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
फर्जी क्लेम की जांच और कार्रवाई
सरकार ने बताया कि इसके लिए नियमित रूप से डेस्क मेडिकल ऑडिट के साथ-साथ फील्ड ऑडिट भी किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप 1,114 अस्पतालों को पैनल से हटा दिया गया है और 549 अस्पतालों को सस्पेंड कर दिया गया है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत देश के 12.37 करोड़ गरीब परिवारों के करीब 55 करोड़ लाभार्थियों को हर साल 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर मिलता है। इसके अलावा हाल ही में 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना में वय वंदना कार्ड के तहत शामिल किया गया है।
फर्जी क्लेम के आंकड़े और राज्यवार स्थिति
सरकार के मुताबिक धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसके तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने राष्ट्रीय धोखाधड़ी विरोधी इकाई का गठन किया है। अब तक 6.50 करोड़ दावों की जांच की गई जिसमें से 562 करोड़ रुपये के 2.7 लाख क्लेम फर्जी पाए गए।
राज्यवार फर्जी क्लेम
राज्यवार आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा फर्जी क्लेम उत्तर प्रदेश (यूपी) से सामने आए हैं। यूपी में 13 करोड़ 90 लाख रुपये के फर्जी क्लेम पाए गए हैं। इसके अलावा अन्य राज्यों में भी फर्जी क्लेम मिले हैं:
➤ पंजाब में 2 करोड़ 87 लाख रुपये के फर्जी दावे
➤ उत्तराखंड में 1 करोड़ 57 लाख रुपये के फर्जी क्लेम
➤ मध्यप्रदेश में 11 करोड़ 93 लाख रुपये के फर्जी क्लेम
➤ छत्तीसगढ़ में 12 करोड़ रुपये के फर्जी दावे पाए गए हैं।
क्या कदम उठाए गए?
सरकार ने इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं। अब ऐसे अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है जो फर्जी बिल बना रहे हैं। साथ ही आयुष्मान भारत योजना की सख्त निगरानी और ऑडिट के जरिए इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों को रोका जा रहा है।
वहीं आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना है लेकिन इस तरह के फर्जीवाड़े इस योजना की साख को प्रभावित कर रहे हैं। सरकार अब इसे लेकर सख्त है और ऐसे धोखाधड़ी करने वालों पर कार्रवाई कर रही है।