सोने की कीमत में बड़ा उछाल, 2,000 रुपये बढ़ा भाव, जानें आज 10 ग्राम का रेट

punjabkesari.in Tuesday, Apr 01, 2025 - 07:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहा सोना एक बार फिर महंगा हो गया है। मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत में 2,000 रुपये की भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई। अब 99.9% शुद्धता वाला सोना 94,150 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यह पिछले दो महीनों में सोने की कीमत में एक दिन का सबसे बड़ा उछाल है। शुक्रवार को सोने का भाव 92,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। विशेषज्ञों के अनुसार, शेयर बाजार में गिरावट और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण निवेशकों का झुकाव सोने की ओर बढ़ा है। सोने को हमेशा एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है, और मौजूदा भू-राजनीतिक तनावों के कारण इसकी मांग में और इजाफा हो रहा है। लगातार चौथे दिन सोने की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। 99.5% शुद्धता वाला सोना भी 2,000 रुपये की वृद्धि के साथ 93,700 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। इस साल जनवरी से अब तक सोने की कीमतों में 18.6% की बढ़ोतरी हो चुकी है।

चांदी की कीमतों में गिरावट

सोने की कीमतें जहां आसमान छू रही हैं, वहीं चांदी की कीमत में गिरावट आई है। मंगलवार को चांदी की कीमत 500 रुपये घटकर 1,02,500 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। शुक्रवार को इसका भाव 1,03,000 रुपये प्रति किलोग्राम था। इससे पहले, चांदी की कीमत में लगातार तीन दिन तक वृद्धि दर्ज की गई थी।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का रुख

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई हैं। हाजिर सोना 3,149.03 डॉलर प्रति औंस के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जबकि कॉमेक्स सोना वायदा 3,177 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचा। कोटक सिक्योरिटीज के अनुसार, "संभावित अमेरिकी व्यापार शुल्कों और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के कारण सोने की कीमतें लगातार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रही हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अस्थिर रुख ने भी बाजार में हलचल मचाई है।"

निवेशकों के लिए क्या संकेत?

ब्रोकरेज फर्मों के अनुसार, मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं और निवेशकों की सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग के कारण सोने की कीमतों में मजबूती बनी रहेगी। अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के सीईओ चिंतन मेहता का कहना है कि "अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों जैसे नौकरी के अवसरों की संख्या, एडीपी रोजगार रिपोर्ट और गैर-कृषि पेरोल आंकड़ों पर भी निवेशकों की नजरें टिकी हैं। ये आंकड़े फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में संभावित कटौती को प्रभावित कर सकते हैं।"

 

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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