आक्रामक हो गई हैं हिलेरी क्लिंटन

punjabkesari.in Thursday, May 05, 2016 - 12:49 PM (IST)

अमरीका का राष्ट्रपति चुने जाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप की राह और आसान हो गई है। टेड क्रूज के बाद ओहायो के गवर्नर जॉन कैसिच भी चुनाव मैदान से हट गए हैं। उनके दावेदारी वापस लेने के बाद अब इस दौड़ में केवल डोनाल्ड ट्रंप बचे हैं, जो अमरीका में 8 नवंबर को होने वाले आम चुनावों में अब पार्टी के संभावित उम्मीदवार हैं। हालांकि कैसिच ओहायो के लोकप्रिय गवर्नर हैं,लेकिन वह राष्ट्रपति पद की मु​हिम में कुछ खास नहीं कर पाए। कैसिच सिर्फ अपने राज्य ओहायो में जीत सके। अब तक 40 राज्यों में हुए प्राइमरी चुनावों और कॉकस में उन्हें करीब 150 डेलीगेट का समर्थन मिला। जुलाई में क्लीवलैंड में होने वाली कन्वेंशन को अब केवल औपचारिकता की माना जाएगा, क्योंकि ट्रंप मैदान में अकेले रिपब्लिकन उम्मीदवार बचे हैं।

ताजा स्थिति है कि चुनाव मैदान में इस समय रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप,डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से हिलेरी क्लिंटन और बर्नी सैंडर्स ही बचे हें। मुख्य मुकाबला ट्रंप और हिलेरी में माना जा रहा है। ज्यों—ज्यों स्थिति साफ होती जरा रही है,यह महसूस किया जा रहा कि हिलेरी क्लिंटन भी काफी आक्रामक होती जा रही हैं। जबकि इससे पहले ट्रंप द्वारा की जा रही आलोचना और आपत्तिजनक बयानों का वह जवाब नहीं देती थी। ट्रंप् ने उनके लिए कमजोर महिला, धूर्त और दुष्ट जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया,लेकिन वे शांत रह कर अपना अभियान चला रही थीं। अब वे अपने भाषणों में ट्रंप के लिए जाली, मूर्ख और असभ्य जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने लगी हैं। अब वह उनकी योग्यता पर सवाल उठाते हुए वे कहती हैं कि ट्रंप को ​किसी विषय की जानकारी नहीं है। वे सिर्फ अपनी कला की तारीफ करना ही जानते हैं। वह एक बेलगाम और गैर जिम्मेदार व्यक्ति हें। वे भरोसा करने लायक भी नहीं हैं,सिर्फ शेखी बघारने वाले सांड हैं।

हिलेरी के इस रुख से अंदाजा लगाया जा सकता है ​कि राष्ट्रपति चुनाव जुबानी जंग तेज हो गई है। वह अमरीकी चैनल सीएनएन को दिए इंटरव्यू में मतदाताओं से अपील कर चुकी हैं कि वे गैर भरोसेमंद उम्मीदवार को चुनने का रिस्क न लें। इस जिम्मेदार पद के लिए जो व्यक्ति चुनाव लड़ रहा है,उसकी बातों का आधार होना चाहिए। सिर्फ आरोप लगाने से काम नहीं चलता। जनता को अपनी योजनाओं की पूरी जानकारी दें कि आप उसके लिए क्या करने वाले हैं और कैसे करेंगे। हिलेरी ने परमाणु हथियारों ओर गर्भपात के मुद्दे पर दिए गए बयान पर ट्रंप को आड़े हाथों लिया। हिलेरी ट्रंप के विजयी अभियान से घबराई नहीं हैं। वह मानती हैं कि सही चुनौती नहीं मिलने से ट्रंप आगे बढ़ते गए। उनकी पार्टी का कोई उम्मीदवार उन्हें जोरदार टक्कर नहीं दे पाया। हिलेरी की बातों में बड़ा आत्मविश्वास झलक रहा था कि वह जानती हैं कि उन्हें ट्रंप का सामना कैसे करना है। 

हिलेरी क्लिंटन ने अपने पुराने चुनावी अनुभव से काफी कुछ सीखा है। इस बार वह ज्यादा परिपक्व दिख रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2008 में उम्मीदवारी की दौड़ में क्लिंटन को शिकस्त दे दी थी, लेकिन आज वो भी उनके साथ खड़े हैं। हिलेरी के बारे में ओबामा ​कह चुके है कि वह आम चुनाव में मेरी एक महत्वपूर्ण समर्थक व सहयोगी थीं। विदेश मंत्री के रूप में उनका काम उल्लेखनीय रहा है। वे मेरी दोस्त हैं और कामयाब और बेहतरीन राष्ट्रपति साबित होंगी।

हिलेरी की टीम इस बार ज्यादा प्रभावी और आक्रामक लोगों से सजी हुई है। हिलेरी के चुनाव प्रचार प्रमुख जॉन पोडेस्ट सिर्फ उनके ही नहीं, बल्कि उनके पति और पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के भी करीबी हैं। वह उनके शासन में व्हाइट हाउस में उनके चीफ ऑफ स्टॉफ रह चुके हैं। वर्ष 2008 के चुनाव के दौरान उन्होंने ओबामा की टीम की अगुवाई की थी और आज भी उनके करीबी हैं। हिलेरी को इसका भरपूर फायदा मिलने की उम्मीद है। हिलेरी के कैंपेन मैनेजर रॉबिन मूक ने 2008 में हिलेरी का चुनाव अभियान संभाला था और कई इलाकों में बढत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। इनके अलावा जोएल बेनेसन, जिम मारगोलिस, और जेनिफर पालमिरी जैसे दिग्गज हिलेरी की टीम का हिस्सा हैं।

डेमोक्रेटिक पार्टी आठ साल से सत्ता में रही है, हिलेरी को जनता के सत्ता विरोधी मूड का सामना भी करना होगा। अमरीकी राजनीति के विशेषज्ञों का मानना है ​हिलेरी के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी आसानी से जीत लेंगी, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव जीतने में उन्हें ​कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। बड़ा सवाल है कि डोनाल्ड ट्रंप की मजबूत होती जा रही स्थिति से क्या हवा का रुख डेमोक्रेट के पक्ष में है? सीनेटर से लेकर विदेश मंत्री तक का लंबा अनुभव रखने वाली हिलेरी भी क्या जनता को हिलेरी पसंद आ सकती हैं? प्रथम नागरिक रह चुकीं हिलेरी अगर चुनाव जीत जाती हैं तो अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। इसके लिए जरूरी है कि जनता हिलेरी की सोच में आए बड़े बदलाव को दिल से स्वीकार करने को तैयार हो जाए।


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