साइकिल का बढ़ता क्रेज, फिर भी काफी पीछे भारत, जानिए कारण
punjabkesari.in Saturday, Jun 02, 2018 - 05:50 PM (IST)
नई दिल्लीः फिटनेस के प्रति लोगों की बढ़ती जागरुकता तथा सरकार एवं विभिन्न एजेंसियों के प्रयासों के परिणामस्वरूप देश में साइकिल का क्रेज बढ़ रहा है लेकिन इसके इस्तेमाल में भारत में अन्य देशों के मुकाबले अभी काफी पीछे है।
एक नजर आंकड़ों परः
- देश में मात्र 10 प्रतिशत लोगों के पास साइकिलें हैं जबकि नीदरलैंड में न केवल हर घर में बल्कि एक घर में एक से अधिक साइकिलें हैं।
- जापान में 70 प्रतिशत और चीन में 37 प्रतिशत आबादी के पास साइकिलें है।
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले दशक में देश में साइकिलों की संख्या की बढ़ोतरी तीन प्रतिशत के आसपास रही।
- वर्ष 2001 में 44 प्रतिशत अर्थात 8.4 करोड़ परिवारों के पास साइकिलें थी जबकि 2011 में 45 प्रतिशत यानी 11.10 करोड़ परिवारों के पास साइकिलें थी।
- चीन से तुलना करें तो वहां ग्रामीण इलाकों में हर घर में साइकिल है जबकि हमारे यहां 50 प्रतिशत घरों में ही साइकिलें हैं।
भारत में माना जाता है ‘गरीबों की सवारी’
आवागमन का सस्ता, आसान तथा पर्यावरण हितैषी माध्यम होने के बावजूद साइकिल के इस्तेमाल में अन्य देशों से भारत के पीछे होने का बड़ा कारण यह है कि इसे ‘गरीबों की सवारी’ और असुरक्षित माना जाता है।
साइकिल निर्माता एसोसिएशन के महासचिव के.बी. ठाकुर के अनुसार, मोटर चालित वाहनों की तरफ लोगों का रुझान बढऩे से साइकिल की बिक्री घटी थी, लेकिन अब इसमें तेजी का रुख लौट आया है। गत वर्ष देश भर में एक करोड़ सात लाख साइकिलें बिकीं। इसके बावजूद अभी देश में साइकिल चलाने वालों की संख्या काफी कम है। अभी देश भर में 11 करोड़ से कुछ ज्यादा साइकिलें इस्तेमाल में हैं और मात्र नौ प्रतिशत आबादी साइकिल का इस्तेमाल करती है।