बिहार चुनाव से पहले NDA को लगा बड़ा झटका, यह पार्टी हुई अलग
punjabkesari.in Monday, Apr 14, 2025 - 09:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही बाकी हैं और चुनावी हलचल तेज हो गई है। इस बीच बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को एक बड़ा झटका लगा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अध्यक्ष पशुपति पारस ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी एनडीए से अलग हो रही है। क्या पशुपति पारस की पार्टी अब महागठबंधन में शामिल होगी? यह सवाल सबकी जुबां पर है। आइए, जानते हैं पूरी खबर।
पशुपति पारस ने क्यों लिया एनडीए से अलग होने का फैसला?
पूर्व केंद्रीय मंत्री और LJP के नेता पशुपति पारस ने कहा कि वे 2014 से लेकर आज तक एनडीए का हिस्सा थे, लेकिन अब उनका गठबंधन छोड़ने का समय आ गया है। पशुपति पारस के मुताबिक, एनडीए ने उनकी पार्टी के साथ न्याय नहीं किया। उनका आरोप है कि उनकी पार्टी जो दलितों की आवाज बनकर काम कर रही थी, उसे लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन के अन्य दलों ने नजरअंदाज किया और उनके साथ अन्याय किया। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए के सहयोगी दलों ने उनकी पार्टी को सम्मान नहीं दिया, खासकर बिहार में जब भी कोई बैठक हुई तो LJP का नाम तक नहीं लिया गया। पशुपति पारस ने कहा, "हमने हमेशा एनडीए का साथ दिया, लेकिन बदले में हमें केवल उपेक्षा ही मिली।"
#WATCH | Patna, Bihar: On his decision to quit NDA, Rashtriya Lok Janshakti Party (RLJP) chief Pashupati Kumar Paras says, "I was with the NDA since 2014 till date. We were loyal allies of the NDA. You must have seen that when Lok Sabha elections were held, people of NDA did… pic.twitter.com/UBW8mlBGxy
— ANI (@ANI) April 14, 2025
पशुपति पारस और LJP की राजनीतिक स्थिति
पशुपति पारस की LJP पार्टी बिहार में एक प्रमुख दल मानी जाती है, जो खासकर दलित समुदाय के बीच मजबूत पकड़ रखती है। उनका आरोप है कि एनडीए के अन्य सहयोगी दलों ने उनकी पार्टी को कभी अहमियत नहीं दी, जबकि पार्टी ने हमेशा गठबंधन का समर्थन किया। पशुपति पारस के इस कदम से यह सवाल उठ रहा है कि उनकी पार्टी अब किस दिशा में जाएगी। क्या वे महागठबंधन में शामिल होंगे? इस सवाल का जवाब देने से उन्होंने साफ इंकार नहीं किया है, लेकिन उन्होंने यह कहा कि अगर महागठबंधन के नेता उन्हें सम्मान देते हैं तो वे इस पर विचार करेंगे।
महागठबंधन में शामिल होने का संकेत?
पशुपति पारस ने इस बारे में कहा कि उनकी पार्टी के लिए महागठबंधन के दरवाजे खुले हैं, लेकिन इसके लिए सही समय का इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा, "अगर महागठबंधन के लोग हमें सही सम्मान देते हैं, तो हम उनकी पार्टी में शामिल होने पर विचार करेंगे।" लालू प्रसाद यादव और RJD के साथ उनके रिश्ते हमेशा अच्छे रहे हैं, और यही कारण है कि वे इस विकल्प पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, महागठबंधन के नेताओं को यह तय करना होगा कि वे पारस को कितनी अहमियत देंगे।
जीतन राम मांझी का क्या कहना है?
एनडीए से पशुपति पारस के अलग होने के बाद केंद्रीय मंत्री और HAM (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) के नेता जीतन राम मांझी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पारस के एनडीए छोड़ने से गठबंधन को कोई खास नुकसान नहीं होगा। उनका कहना था कि एनडीए पहले भी अपने दम पर चुनाव जीत चुका है, और यह बदलाव कोई बड़ा असर नहीं डालने वाला है।