स्कूल की छुट्टी के बाद कक्षा 7वीं में पढ़ने वाले मासूम छात्र ने पिता की गोद में तोड़ा दम, बच्चा माता-पिता की थी इकलौती संतान

punjabkesari.in Saturday, Jul 05, 2025 - 07:12 AM (IST)

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले से एक दिल को झकझोर कर देने वाली घटना सामने आई है। स्कूल का पहला दिन, बच्चों की चहल-पहल और नए सत्र की शुरुआत का उत्साह... लेकिन इसी बीच एक पिता की गोद में उसका इकलौता बेटा दम तोड़ देता है। ये मंजर जिसने भी देखा, उसकी आंखें नम हुए बिना नहीं रह सकीं। मामला नगर कोतवाली क्षेत्र के प्रतिष्ठित सेंट एंथनी स्कूल का है। यहां कक्षा 7वीं में पढ़ने वाला 12 वर्षीय छात्र अखिल प्रताप सिंह 1 जुलाई की सुबह स्कूल में दाखिल होते ही अचानक गिर पड़ा। बताया जा रहा है कि वह अपने पिता जितेंद्र प्रताप सिंह के साथ कार में स्कूल आया था। जैसे ही वह स्कूल परिसर में पहुंचा और बैग कंधे पर टांगा, उसकी तबीयत बिगड़ने लगी।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बच्चे को अचानक चक्कर आए और वह उल्टियां करने लगा। उसके पिता तुरंत उसे गोद में उठाकर स्कूल की सीढ़ियों पर बैठ गए और फिर स्थानीय लोगों की मदद से पास के अस्पताल ले जाया गया। दुखद रूप से डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया।

घर का इकलौता चिराग बुझा
अखिल अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। पिता जितेंद्र प्रताप सिंह बाराबंकी के घेरी बिशुनपुर गांव के निवासी और पेशे से व्यापारी हैं, जबकि मां एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। बेटे की अचानक हुई मौत से पूरा परिवार सदमे में है।जितेंद्र ने बताया कि उनके बेटे को किसी प्रकार की बीमारी नहीं थी, न ही वह किसी दवा का सेवन कर रहा था। घटना के समय वह बिल्कुल सामान्य था। सुबह स्कूल के लिए उत्साहित था, लेकिन कार से उतरते ही अचानक चक्कर और लगातार उल्टियां होने लगीं और देखते ही देखते बच्चा बेहोश हो गया।

सीसीटीवी में कैद हुआ आखिरी पल
घटना के प्रत्यक्षदर्शी और जिला बॉलीबॉल संघ के सचिव पवन सिंह ने बताया कि घटना सुबह 7:15 बजे की है। जब वे मॉर्निंग वॉक से लौट रहे थे, तभी देखा कि जितेंद्र अपने बेटे को गोद में लेकर बेसुध हालात में स्कूल की सीढ़ियों पर बैठे हैं। उन्होंने तुरंत सहयोग करते हुए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमें बच्चे की हालत बिगड़ते हुए साफ दिखाई दे रही है।

डॉक्टरों में भी असमंजस
इस आकस्मिक मौत ने चिकित्सकों को भी हैरान कर दिया है। राजधानी लखनऊ के मेयो अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद काशिफ ने बताया कि इस उम्र में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट की संभावना अत्यंत दुर्लभ होती है। हालांकि, यह एक ब्रेन हैमरेज, हार्ट रिदम डिसऑर्डर या अन्य किसी अनदेखी चिकित्सकीय स्थिति का परिणाम हो सकता है। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि बच्चों के नियमित मेडिकल चेकअप आज की तेज़ रफ्तार और तनावपूर्ण दिनचर्या में अनिवार्य हो गया है।

विद्यालय में अवकाश और शोक
घटना के बाद स्कूल प्रबंधन और स्थानीय विधायक ने संवेदना प्रकट की और स्कूल में तत्काल अवकाश घोषित कर दिया गया। शोक में डूबे स्टाफ और छात्र-छात्राओं की आंखें नम थीं।
 
 


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Content Writer

Anu Malhotra

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