चीन में जिनपिंग की तानाशाही के खिलाफ बगावत ! ‘लोकतंत्र व आजादी के बैनरों’ से दहली बीजिंग की सड़कें
punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 06:11 PM (IST)
 
            
            Bejing: चीन की राजधानी बीजिंग के सानलितुन इलाके में एक दुर्लभ और साहसिक विरोध प्रदर्शन ने सभी को चौंका दिया। यहां दो बड़े सफेद बैनर खुलेआम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की आलोचना करते हुए लोकतंत्र और बहुदलीय व्यवस्था की मांग करते दिखे। यह विरोध ठीक उस समय हुआ जब सीसीपी का चौथा पूर्ण अधिवेशन (Fourth Plenary Session) समाप्त हुआ था। रिपोर्ट्स के अनुसार, फायुल (Phayul) ने बताया कि बैनरों में से एक पर लिखा था “कम्युनिस्ट पार्टी एक अमानवीय, दुष्ट पंथ है जो चीन को अंतहीन पीड़ा दे रही है।” दूसरे बैनर में लिखा था “स्वतंत्रता, मानवता और क़ानून के शासन पर आधारित नए चीन का निर्माण करो।
नई राजनीतिक पार्टियों के गठन और स्वतंत्र चुनावों का अधिकार दो।”सुरक्षा बलों ने कुछ ही मिनटों में बैनर हटा दिए और प्रदर्शन करने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। चीनी सरकारी मीडिया ने इस घटना को पूरी तरह नजरअंदाज किया, जैसा कि अक्सर शासन-विरोधी घटनाओं में होता है। यह प्रदर्शन चीन में बढ़ते “लोन वॉरियर्स” यानी अकेले विरोध करने वाले नागरिकों की परंपरा को आगे बढ़ाता है।
इसी तरह 2022 में पेंग लीफा (Peng Lifa) ने बीजिंग के सितोंग ब्रिज (Sitong Bridge) पर बैनर लगाकर “तानाशाही खत्म करो, स्वतंत्रता दो” का नारा दिया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और वे अब तक लापता हैं।2024 में हुनान प्रांत में भी एक प्रदर्शनकारी फांग यीरोन्ग (Fang Yirong) ने शी जिनपिंग को “तानाशाह” कहा और लोकतंत्र की मांग की थी उसके बाद वह भी गायब हो गया। ये छोटे लेकिन साहसिक कदम चीन के भीतर बढ़ते असंतोष की झलक देते हैं। जहां विरोध का मतलब जेल या गायब हो जाना है, वहीं कुछ शब्दों वाला एक बैनर भी अब विद्रोह का प्रतीक बन गया है।

 
                     
                            