Sheikh Hasina: ढाका में हड़कंप: पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने सुनाई मौत की सजा
punjabkesari.in Monday, Nov 17, 2025 - 02:45 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्क: बांग्लादेश की राजनीति में तूफ़ान खड़ा करने वाला ऐतिहासिक फैसला आखिरकार आ गया। इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुना दी है। यह फैसला 400 पन्नों में दर्ज है और इसे छह अलग-अलग हिस्सों में सुनाया गया।
तीन जजों की बेंच ने सुनाया फैसला
इस संवेदनशील मामले की सुनवाई जस्टिस गुलाम मुर्तजा की अध्यक्षता वाली विशेष बेंच ने की। उनके साथ जस्टिस मोहम्मद शफीउल आलम महमूद और जस्टिस मोहम्मद मोहितुल हक एनाम चौधरी शामिल थे। ट्रिब्यूनल ने साफ कहा कि उन्होंने कई मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्टों, गवाहियों और घटनाओं की विस्तृत जांच के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि शेख हसीना ने नागरिकों पर भारी अत्याचार करवाए।
छात्र आंदोलन पर हवाई हमलों के आदेश का आरोप
फैसले में यह भी उल्लेख किया गया कि विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई की शुरुआत हसीना की मंजूरी से हुई। ट्रिब्यूनल ने आरोपों का हवाला देते हुए कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन दबाने के लिए हेलीकॉप्टर से विस्फोटक गिराने तक के आदेश दिए गए।
सुनवाई में दर्ज किया गया कि अवामी लीग के कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतरे और नेतृत्व की जानकारी में योजनाबद्ध हमले किए गए।
हसीना–मंत्रियों की फोन बातचीत भी पेश हुई
ट्रिब्यूनल ने अदालत में उन फोन कॉल रिकॉर्डिंग्स को भी पढ़कर सुनाया, जिनमें हसीना और उनके सहयोगी मंत्री हसनुल हक इनु के बीच हुई बातचीत शामिल है। दावा है कि इन बातचीतों में हिंसा को जायज ठहराने और छात्रों के आंदोलनों को आतंकवादी गतिविधियों की तरह पेश करने की कोशिशों का संकेत मिलता है।
सैन्य बल और पुलिस पर सीधे आरोप
निर्णय में कहा गया कि अधिकतर मौतें उन गोलियों से हुईं जो सेना और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं। ट्रिब्यूनल के मुताबिक सुरक्षा बलों—जिसमें पुलिस, सेना और RAB शामिल हैं—ने कई बार न्यायिक प्रक्रिया से हटकर आम नागरिकों पर गोलीबारी की और मारपीट की।
पूर्व गृह मंत्री और पूर्व पुलिस प्रमुख भी दोषी
शेख हसीना के साथ इस मामले में दो और बड़े नाम भी आरोपी बनाए गए हैं—
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पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल
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पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल मामून
ट्रिब्यूनल के अनुसार, इन तीनों ने मिलकर एक सुविचारित साजिश रची और व्यापक मानवाधिकार उल्लंघनों का मार्ग प्रशस्त किया।
1400 मौतें, 11,000 हिरासतें—ट्रिब्यूनल के रिकॉर्ड में दर्ज
अदालत के सामने रखे गए दस्तावेजों में बताया गया कि इस अवधि में लगभग 1400 लोगों की मौत हुई, जबकि 11,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया। फैसला अत्यंत विस्तृत है, इसलिए ट्रिब्यूनल केस फाइलों और साक्ष्यों को पढ़कर रिकॉर्ड में जोड़ रहा है। प्रक्रिया लंबी चलने के बावजूद अंतिम निर्णय अब सामने आ चुका है।
नाम ‘इंटरनेशनल’, लेकिन अधिकार घरेलू
ICT का नाम भले ही ‘इंटरनेशनल’ हो, लेकिन यह किसी वैश्विक संस्थान के अधीन नहीं है। यह पूरी तरह बांग्लादेश की राष्ट्रीय अदालत है, जिसे देश के कानूनों के तहत बनाया गया है।
ढाका में तनाव चरम पर—पुलिस को गोली मारने के आदेश
फैसले के बीच राजधानी ढाका में हालात बिगड़ते दिख रहे हैं। हिंसक प्रदर्शनों के चलते पुलिस को आवश्यक स्थिति में सीधे गोली चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
शेख हसीना का वीडियो संदेश—“फैसले से फर्क नहीं पड़ता”
निर्णय आने से कुछ घंटे पहले हसीना ने अपने समर्थकों के लिए एक वीडियो संदेश भेजा जिसमें उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताया और कहा, “मेरे खिलाफ जो फैसला देना हो दे दें, मुझे कोई डर नहीं।”
