MOVIE REVIEW:गंभीर मुद्दे को बड़ी ही खूबसूरती से पेश करती है आयुष्मान की फिल्म 'बाला'
punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2019 - 11:10 AM (IST)

फिल्म - बाला /Bala
निर्देशक - अमर कौशिक (Amar kaushik)
स्टारकास्ट - आयुष्मान खुराना, भूमि पेडनेकर, यामी गौतम
रेटिंग - 3.5/5 स्टार
नई दिल्ली। बॉक्स ऑफिस पर लगातार सात हिट फिल्में देने वाले आयुष्मान खुराना एक बार फिर से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन करने आ गए हैं। जी हां, कम बजट में दर्शकों को बेहतरीन कंटेट देने वाले आयुष्मान खुराना अब 'बाला' लेकर आए हैं जोकि आज 8 नवंबर को सभी सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। वहीं फिल्म में भूमि पेडनेकर और यामी गौतम भी लीड रोल में नजर आ रही हैं।
वहीं देखा जाए तो आजकल बॉलीवुड में ऐसी सब्जेक्ट पर फिल्में ज्यादा बन रही हैं जिसको आम इंसान अपनी लाइफ से आसानी से कनेक्ट कर सकता है। वहीं आयुष्मान की 'बाला' में भी आपको कुछ ऐसा ही देखने को मिलेगा, जिसमें कई लोग खुद की कहानी को देख पाएंगे। फिल्म में आयुष्मान एक गंजे लड़के के किरदार में नजर आ रहे हैं जहां वो अपने गंजेपन की वजह से अपनी उम्र से ज्यादा दिखते हैं। यही उसके जीवन का सबसे बड़ा दुख होता है।
कहानी
कहानी की शुरुआत होती है कानपुर के रहने वाले बालमुकुंद शुक्ला यानि बाला (आयुष्मान खुराना) की स्कूल लाइफ से, जिसे अपने घने, लहराते बालों पर काफी घमंड होता है। वही दूसरी और वो अपनी क्लासमेट लतिका (भूमि पेडनेकर) को उसके सांवले रंग की वजह से बिल्कुल पसंद नहीं करता। ऐसे में दोनों के बीच सिर्फ लड़ाई होती है। लेकिन लतिका के दिल में बाला के लिए सॉफ्ट कॉर्नर भी होता है। दोनों की ये लड़ाई जवानी तक चलती है। वहीं बड़े होने के बाद भी एक दूसरे से लड़ते ही रहते हैं। वहीं बड़े होने के बाद बाला लड़कियों की फेयरनेस क्रीम बेचने वाली कंपनी में काम करने लगता है और लतिका वकील बन जाती है।
अब आता है कहानी में ट्विस्ट। बचपन में अपने खूबसूरत बालों पर घमंड करने वाला बाला अब जवानी में अपने गंजेपन की वजह से बेहद परेशान रहता है। कम उम्र में बाल झड़ने की वजह से बाला का कॉन्फिडेंस कम होने लगता है। ऐसे में इस परेशानी से बाहर निकलने के लिए बाला कई तरह के नुस्के भी अपनाता है लेकिन कोई फायदा नहीं होता है। फिर एक दिन उसके पिता बाला के लिए विग लाते हैं जिसे पहनेकर उसके सारे गम खुशियों में बदल जाते हैं।
वहीं काम के सिलसिले में बाला की मुलाकात परी से होती है जिसपर वो अपना दिल हार बैठता है। धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे के बेहद करीब आने लगते हैं और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है। उनकी शादी भी हो जाती है लेकिन सुहागरात वाले दिन ही परी को बाला के गंजेपन के बारे में पता चल जाता है और वो उसे छोड़कर चली जाती है।
वहीं जाने के बाद परी बाला पर आरोप लगाती हैं और तलाक के पेपर्स भी बेजती है। सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि बाला के इस केस को लतिका लड़ती है जिसके बाद बाला को लतिका के प्रति फीलिंग्स महसूस होने लगती है और वो लतीका को प्रपोज कर देता है। लेकिन क्या लतिका उसका प्रपोजल स्वीकारती है या फिर नहीं, या दोनों शादी कर लेते हैं या दोनों की लड़ाई अभी भी जारी रहती है.... ये जानने के लिए आपको सिनेमाघर तक जाना ही पड़ेगा क्योंकि ये दावा है कि फिल्म का क्लाइमेक्स आपको ताली बजाने पर मजबूर कर देगा।
एक्टिंग
आयुष्मान खुराना हर बार अपनी वर्सटाइल एक्टिंग से ये साबित कर देते हैं कि उनकी फिल्में देखना कोई गलत फैसला नहीं हैं। वहीं पहली बार बड़े पर्द पर गंजे लड़के का रोल अदा कर रहे आयुष्मान खूब जच रहे हैं। बाला का किरदार उन्होंने बखूबी निभाया है और शुरू से लेकर आखिरी सीन तक हमें खूब एंटरटेन करते हैं। भूमि पेडनेकर और यामी गौतम भी अपनी बेहतरीन एक्टिंग से छा गईं। वहीं पिता के रूप में सौरभ शुक्ला ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया और जावेद जाफरी ने भी अच्छा काम किया है। देखा जाए तो सभी ने अपनी लाजवाब एक्टिंग से इस फिल्म में जान डाल दी है।
डायरेक्शन
स्त्री के बाद एक बार फिर अमर कौशिक ने अपने काम का लोहा मनवा दिया है। अमर कौशिक ने जिस तरीके से एक मीडिल क्लास फैमिली की सोच और रहन-सहन को पर्दे पर परोसा है वो काबिले-तारीफ है। अमर कौशिक ने सभी किरदार को बेहतरीन तरीके से पेश किया है। इसके साथ ही उन्होंने फिल्म में छोटी छोटी चीजों का भी ध्यान रखा है।
गानें
फिल्म के सभी गाने अच्छे हैं। आपको सारे गाने पंसद आएंगे जिसे आप गुनगुनाए बिना रह नहीं पाएंगे।
क्यों देखें
अगर आप आयुष्मान के फैन हैं तो गलती से भी इस फिल्म को मिस ना करें। इसके साथ फिल्हीम में आपको बेहतरीन स्क्रिप्ट, शानदार एक्टिंग, लाजवाब डायलॉग्स, नए पंच और बेहद खूबसूरत क्लाइमेक्स देखने को मिलेगा जो आपकी खुद की सोच बदल देगा।