Bahraich Violence : बहराइच हिंसा पर बोली प्रियंका गांधी, कहा- आरोपियों के विरुद्ध हो सख्त कार्रवाई

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2024 - 02:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुई हिंसा की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रियंका ने कहा कि हिंसा करने का अधिकार किसी को नहीं है, और ऐसे मामलों में प्रशासन की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने प्रशासन को सलाह दी कि उन्हें सक्रिय रूप से इस स्थिति का सामना करना चाहिए और जनता को विश्वास में लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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बहराइच की स्थिति
बहराइच में हो रही हिंसा और प्रशासन की निष्क्रियता की खबरें प्रियंका के लिए अत्यंत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्य प्रशासन से अपील की कि वे तुरंत कार्रवाई करें, ताकि स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके। उनका कहना था कि लोगों को इस बात का विश्वास दिलाना आवश्यक है कि प्रशासन उनकी सुरक्षा के लिए तत्पर है और किसी भी तरह की हिंसा को रोकने में सक्षम है।

जनता से अपील
प्रियंका ने जनता से एक करबद्ध अपील भी की। उन्होंने कहा कि लोग कृपया कानून अपने हाथ में न लें और शांति बनाए रखें। उनका यह संदेश स्पष्ट था कि हिंसा केवल समस्या को बढ़ाएगी और इससे सामाजिक ताना-बाना कमजोर होगा।

इस प्रकार, प्रियंका गांधी वाड्रा ने बहराइच में हुई हिंसा के खिलाफ अपनी चिंताओं को व्यक्त करते हुए प्रशासन और जनता से उचित कार्रवाई की अपील की है। उनके शब्दों में एक स्पष्ट संदेश था कि शांति और कानून का पालन सभी के लिए आवश्यक है।

जानिए क्या है मामला?
रेहुआ मसूर गांव में हालात उस समय तनावपूर्ण हो गए जब लोग मां दुर्गा की प्रतिमा लेकर विसर्जन के लिए जा रहे थे। इसी दौरान, एक दूसरे समुदाय के व्यक्ति ने डीजे की तेज आवाज को लेकर शिकायत की, जिससे विवाद बढ़ गया। विवाद बढ़ते-बढ़ते पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाओं में बदल गया। इस दौरान पुलिसकर्मी स्थिति को काबू में करने में असफल रहे, और हालात बिगड़ते गए। पत्थरबाजी और आगजनी के बाद गोलीबारी भी हुई, जिसमें 22 साल के राम गोपाल मिश्रा घायल हो गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुखद रूप से अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।

राम गोपाल की मौत के बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई। हजारों की संख्या में गांव के लोग उनके शव के साथ प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों के हाथों में लाठी-डंडे थे, और उन्होंने अस्पताल और शोरूम में आगजनी की। इसके अलावा, कई घरों को भी आग के हवाले किया गया और वाहनों में भी आग लगाई गई। यह स्थिति गांव में तनाव और अशांति का माहौल पैदा कर रही है, जिससे कानून-व्यवस्था को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है। अब प्रशासन को हालात को काबू में लाने के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है।

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पुलिस प्रशासन की लाचारी
धरना प्रदर्शन में शामिल लोगों की संख्या पुलिसकर्मियों की तुलना में बेहद कम है, जिससे पुलिस प्रशासन स्थिति को काबू करने में असमर्थ नजर आ रहा है। भीड़ के सामने पुलिस की संख्या कम होने के कारण हालात बिगड़ते जा रहे हैं, और वे स्थिति को संभालने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं।

हालांकि, प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 30 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है और इस संबंध में एफआईआर भी दर्ज की गई है। FIR में छह नामजद आरोपियों का उल्लेख किया गया है, जिससे पुलिस कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके और स्थिति को सामान्य बनाया जा सके।

इस प्रकार, पुलिस प्रशासन इस समय एक कठिन स्थिति का सामना कर रहा है, और अब देखना यह होगा कि सरकार और स्थानीय प्रशासन आगे की कार्रवाई किस तरह से करता है।

 


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Content Editor

Utsav Singh

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