सुबह-सुबह आई बुरी खबर, शोक में डूबी फिल्म इंडस्ट्री, फेमस निर्माता का हुआ निधन

punjabkesari.in Wednesday, Sep 25, 2024 - 11:20 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रतिष्ठित गायक पंडित जसराज की पत्नी और महान फिल्म निर्माता डॉ. वी. शांताराम की बेटी, Madhura Jasraj, का निधन 25 सितंबर को उनके घर पर हुआ। उनकी उम्र 86 वर्ष थी। निधन की वजह उम्र से संबंधित बीमारियों को बताया जा रहा है। Madhura Jasraj का अचानक चले जाना फिल्म इंडस्ट्री में गहरी शोक की लहर पैदा कर गया है, जहां उन्हें एक महान निर्माता और एक अद्भुत इंसान के रूप में याद किया जा रहा है।

तबीयत काफी खराब चल रही थी...
Madhura Jasraj के दो बच्चे हैं, दुर्गा जसराज और शरंग देव। दुर्गा ने अपने मां के निधन की खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि उनकी मां पिछले कुछ महीनों से बीमार थीं। उन्होंने कहा, "मां की तबीयत काफी खराब चल रही थी। आज उन्होंने हम सभी को छोड़ दिया। यह एक बहुत ही दुखद समय है।" उनके परिवार और करीबी दोस्तों ने भी इस दुखद समाचार पर शोक व्यक्त किया है।

फिशरीज यूनिवर्सिटी रोड से शुरू होगी अंतिम यात्रा
Madhura Jasraj की अंतिम यात्रा आज (25 सितंबर) दोपहर 3:30 से 4 बजे के बीच उनके निवास स्थान, शिव-करण बिल्डिंग, फिशरीज यूनिवर्सिटी रोड से शुरू होगी। उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया ओशिवारा श्मशान में शाम 4 से 4:30 बजे के बीच संपन्न होगी। परिवार के करीबी सदस्य और मित्र इस दुखद अवसर पर उनके अंतिम दर्शन करने के लिए एकत्रित होंगे।

Madhura Jasraj की उपलब्धियां
Madhura Jasraj का करियर उनके पति, पंडित जसराज के साथ गहरे जुड़ा हुआ था। उन्होंने कई डॉक्यूमेंट्री और नाटक का निर्देशन किया, जो शास्त्रीय संगीत और भारतीय संस्कृति को उजागर करते थे। मधुरा ने अपने पति की बायोग्राफी भी लिखी, जो संगीत प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय हुई। 2010 में, मधुरा ने अपनी पहली मराठी फिल्म 'आई तुझा आशीर्वाद' का निर्देशन किया। यह फिल्म विशेष रूप से ध्यान देने योग्य थी क्योंकि मधुरा इस फिल्म के साथ फीचर फिल्म में सबसे उम्रदराज नवोदित निर्देशक बन गईं। इस उपलब्धि ने उन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह दिलाई। फिल्म में पंडित जसराज और दिवंगत लता मंगेशकर के कई अद्भुत गीत शामिल थे, जो दर्शकों के दिलों में बस गए।

जीवन के हर पहलू में कला और संस्कृति की झलक 
Madhura Jasraj का जीवन सिर्फ फिल्म और संगीत तक सीमित नहीं था। वह एक समर्पित मां, पत्नी और मित्र थीं। उनके जीवन के हर पहलू में कला और संस्कृति की झलक मिलती थी। उन्होंने हमेशा भारतीय शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने का कार्य किया और अपने परिवार के साथ मिलकर इस धरोहर को संजोने का प्रयास किया।


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Content Editor

Mahima

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