अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 13 जुलाई को

punjabkesari.in Friday, Jul 06, 2018 - 07:44 PM (IST)

नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले पर अब अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्वामित्व को लेकर शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान अगली तारीख तय की गई। अदालत में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कोर्ट में तीन जज वाली पीठ से कहा कि मस्जिद कोई मजाक के लिए नहीं बनाई गई थी। सैकड़ों लोग यहां प्रार्थना करते थे, क्या ये काफी नहीं था?


राजीव धवन ने कहा कि इस्लाम सामूहिकता वाला मजहब है, इस्लाम में नमाज कहीं भी अदा की जा सकती है, लेकिन इस्लाम में मस्जिद की अहमियत है। इसलिए सामूहिक नमाज मस्जिद में ही होगी। मस्जिद को इस्लाम का अनिवारय हिस्सा न मानने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला गलत है। वहीं हिंदु पक्ष के वकीलों और उत्तर प्रदेश सरकार के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुस्लिम पक्ष के वकील मामला लटकाने की कोशिश कर रहे हैं। इस्माइल फारूकी मामले के मामले को पहले नहीं उठाया गया, जब याचिका दाखिल हुई थी।


मामले को संविधान पीठ भेजा जाना चाहिए
इससे पहले 17 मई को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और एसए नजीर की पीठ ने मामले की सुनवाई 6 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी थी। 17 मई को मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दलील दी गई थी कि 1994 के इस्माइल फारुखी फैसले में कहा गया है कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है। ऐसे में इस फैसले का दोबारा परीक्षण करने की जरूरत है। इस मामले को संवैधानिक पीठ को भेजा जाना चाहिए। इस पर हिंदू पक्ष की दलील थी कि वह मुद्दा जमीन अधिग्रहण के संबंध में था। मौजूदा मामला टाइटल विवाद है। ऐसे में उस फैसले का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। लिहाजा, मामले को संवैधानिक पीठ को नहीं भेजा जाना चाहिए।

2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन जजों की पीठ ने दो-एक के बहुमत से अयोध्या की विवादित जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट की विशेष पीठ हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर 14 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।  

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Yaspal

Recommended News

Related News