BJP की हार से जुड़ा मंगलवार कनेक्शन, जानिए कैसे

punjabkesari.in Wednesday, Dec 12, 2018 - 06:07 PM (IST)

नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए चुनाव में हिंदी पट्टी के तीनों प्रमुख राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा को मिली शिकस्त के लिए कुछ हद तक सोशल मीडिया पर मंगल को जिम्मेदार माना जा रहा है। 

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हैरान करने वाली बात यह है कि राजस्थान में 29 नवम्बर को सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रभु हनुमान की जाति बताई थी और पांच राज्यों का चुनाव परिणाम भी मंगलवार को ही आया है इसे संजोग ही माना जा सकता है। वहीं एक तथ्य यह भी है कि  राजस्थान में दलित व आदिवासी बाहुल्य सीट पर ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने हनुमान जी की जाति को लेकर बयान दिया था वही पर बीजेपी प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पड़ा। 

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यह था बयान
गौरतलब है कि योगी ने मंगलवार को राजस्थान के अलवर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कथित तौर पर कहा था कि हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे। बजरंग बली ने उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक सभी भारतीय समुदायों को एकजुट करने का काम किया।

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हार से लगा BJP को झटका
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ में अपने दम पर बहुमत हासिल कर लिया है, वहीं राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार से भाजपा को 2019 लोकसभा चुनाव से पहले तगड़ा झटका लगा है। यह हार एक ओर जहां भाजपा की उत्साह को कम करता है, वहीं 2019 के महामुकाबले के लिए कांग्रेस के मनोबल को बढ़ाता है।

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विपक्षी दलों ने साधा मोदी सरकार पर निशाना
वहीं विपक्षी दलों ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की उलटी गिनती प्रारंभ हो गई है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख तथा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी के प्रमुख तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वाम दलों ने जनता के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि यह अहंकार और नफरत तथा हिंसा का माहौल बनाने वाली सांप्रदायिक शक्तियों की हार है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘मोदी राज की उलटी गिनती शुरू हो गई।’’ वामदलों ने कहा है कि इन राज्यों के चुनाव नतीजे इस बात का प्रमाण हैं कि जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तानाशाही रवैए और अहंकार के खिलाफ फैसला सुनाया है तथा समाज के सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का विरोध किया है।


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Anil dev

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