राजस्थान चुनाव 2018: पूर्व CM गहलोत की पंजाब केसरी से खास बातचीत

punjabkesari.in Wednesday, Dec 05, 2018 - 11:32 PM (IST)

नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में 7 दिसंबर को मतदान होना है। विकास को मुद्दा बनाकर शुरू हुआ चुनाव प्रचार गाय, गोत्र, राम-हनुमान की जाति तक पहुंच गया। चुनावी शोर-शराबे के बीच मतदाता फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं, बावजूद इसके हर चुनावी योद्धा और रणनीतिकार दिन-रात सभी मोर्चे की किलेबंदी और विरोधी के गढ़ में सेंधमारी करने, मतदाताओं को रिझाने में जुटा है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी हैं। कांग्रेस सत्ता में आती है तो गहलोत मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार होंगे। जयपुर में उनसे मुलाकात हुई। नवोदय टाइम्स/पंजाब केसरी के लिए शेषमणि शुक्ल ने उनसे खास बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश:

राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कितनी सीटें मिलेंगी?
कांग्रेस भारी बहुमत से आ रही है। हम सरकार बनाने जा रहे हैं। भाजपा का मिशन 180 फेल हो चुका है। चुनावी मैदान में उतरने से पहले वे मिशन 180-180 करते थे। फिर 150 पर आए, अब 100 का भी जिक्रनहीं कर रहे। उन्हें पता चल चुका है कि राजस्थान की जनता भाजपा को सत्ता से बेदखल करने जा रही है। भाजपा की स्थिति बेहद नाजुक है। 50 सीट भी उसे मिल जाए तो बड़ी बात है। 

विकास से चल कर हनुमान की जाति, राम मंदिर, गाय जैसे मुद्दे छाए हुए हैं?
भाजपा के पास बताने के लिए जब कुछ है ही नहीं तो क्या करेंगे। यह उनका आजमाया हुआ हथकंडा है। वोटों का ध्रुवीकरण कराने के लिए भाजपा यह करती रही है। असल में भाजपा मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मामलों को उछालती है। लेकिन, देश और प्रदेश की जनता अब जान चुकी है और समझ भी चुकी है। लोग अब इनके झांसे में नहीं आने वाले।

राजस्थान विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी के गोत्र का मुद्दा काफी छाया रहा?
मैंने पहले ही कहा, यह सब भाजपा के हथकंडे हैं। अरे किसी का क्या गोत्र है, इसे देख कर न तो कोई वोट करता है और न ही इस तरह किसी के गोत्र में कोई दिलचस्पी दिखाता है। यह व्यक्तिगत मामले होते हैं। किसी भी हिंदू धार्मिक और शुभ कार्य में पूजा-पाठ के दौरान संकल्प आदि में गोत्र बताया जाता है। यह क्या बात हुई कि गोत्र को चुनाव का मुद्दा बनाया जाए। जो मुद्दा ही नहीं उसे मुद्दा बनाने की कोशिश है। कभी गोत्र, कभी मां, कभी पिता और ना जाने क्या-क्या। ये सब चुनावी मुद्दे हैं ही नहीं।

राम मंदिर का मुद्दा भी बड़े जोर-शोर से उछाला गया है। क्या असर देखते हैं?
हिंदू समाज समझने लगा है कि चुनाव के वक्त ही भाजपा को राम और अयोध्या की याद आती है। इसके पहले नहीं। ये लोग अपनी नाकामियों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए राम को बीच में लेकर आते हैं और भावनात्मक रूप से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। इनका काम ही धर्म और जाति के नाम पर बंटवारा करना है। कांग्रेस कभी ऐसा नहीं करती है। कांग्रेस सभी धर्म-जाति, संप्रदाय-पंथ की पार्टी है। हर वर्ग को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है और जन समस्या एवं विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ती है।

भाजपा तो सबका साथ, सबका विकास का नारा देती है?
भाजपा का नारा कुछ और होता है और वह करती कुछ और है। भाजपा बहुत खतरनाक खेल खेल रही है। उत्तर प्रदेश में 400 से ज्यादा विधानसभा सीटें हैं, चुनाव में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया। गुजरात में नहीं दिया। मध्य प्रदेश में 230 में से केवल एक मुस्लिम को टिकट दिया गया। वह भी केवल नाम के लिए और राजस्थान में भी इसी तरह केवल नाम किया। भाजपा केवल समाज को बांटने का काम कर रही है। कांग्रेस ने कभी ऐसा नहीं किया। सभी जाति-धर्म-संप्रदाय को साथ लेकर, सबको जोड़ कर चलती है। इंदिरा गांधी की जान चली गई, लेकिन खालिस्तान नहीं बनने दिया। भाजपा को क्या मालूम धर्मनिरपेक्षता। ये तो वोटों का ध्रुवीकरण कराने में लगे हैं।

भाजपा पूछ रही है कि कांग्रेस अपना सेनापति बताए? आप क्या कहेंगे, कौन है सेनापति?
कांग्रेस ने राजस्थान से पहले कहीं कोई सेनापति बनाया था क्या? जो आज पूछा जा रहा है। यूपी, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कहीं भी देख लीजिए। वैसे भी देश के आजाद होते ही अंग्रेजों के साथ सेनापति पद खत्म हो गया। अब कोई राजा नहीं, कोई सेनापति नहीं। कांग्रेस में एक व्यवस्था है, चुनाव के बाद उस व्यवस्था के तहत सारा कुछ तय होगा।

वसुंधरा सरकार ने तोड़े युवाओं के सपने
आपके भाषण के केन्द्र में वसुंधरा सरकार रहती है। जनता क्या वसुंधरा सरकार से नाराज दिखती है?
वसुंधरा राजे की सरकार ने जनता की अपेक्षाओं का अनादर किया है। लोग निराश हैं। युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन भाजपा सरकार नौकरियां नहीं दे पाई। युवाओं के सपने टूट गए। रिफाइनरी योजना समेत कई बड़ी योजनाएं बंद कर दी गईं। मुफ्त दवा की सेवा बंद कर दी गई। आज लोगों को उनके हक का राशन तक नहीं मिल रहा है। लोग भाजपा और वसुंधरा सरकार से बहुत नाराज हैं।

आपके भाषण के केन्द्र में वसुंधरा सरकार रहती है। जनता क्या वसुंधरा सरकार से नाराज दिखती है?
वसुंधरा राजे की सरकार ने जनता की अपेक्षाओं का अनादर किया है। लोग निराश हैं। युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन भाजपा सरकार नौकरियां नहीं दे पाई। युवाओं के सपने टूट गए। रिफाइनरी योजना समेत कई बड़ी योजनाएं बंद कर दी गईं। मुफ्त दवा की सेवा बंद कर दी गई। आज लोगों को उनके हक का राशन तक नहीं मिल रहा है। लोग भाजपा और वसुंधरा सरकार से बहुत नाराज हैं।


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Anil dev

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